Tuesday, December 3, 2024
HomeHindiगंभीर रोगकोलेस्ट्रोल कैसे कम करें

कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें

कोलेस्ट्रोल कैसे नियंत्रित / कम करें
Cholesterol kaise Niyantrit / kaam kare

कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा
Cholesterol Se Chutkara

विश्व भर में हर साल लगभग एक करोड़ से भी ज्यादा लोगों की मृत्यु ह्रदय रोगों के कारण होती है। इसकी बहुत बड़ी वजह शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा का सामान्य से बहुत अधिक होना है । कोलेस्ट्रोल, ( Cholesterol ) एक ऐसी गंभीर समस्या है जो अब बहुत ज्यादा आम बनती जा रही है। आज लोगो के पास कसरत करने के लिए समय नहीं है, जंक फ़ूड का चलन बहुत ज्यादा हो गया है, अति व्यस्तता, तनाव, अनियमित निद्रा के कारण यह समस्या और गंभीर होती जा रही है ।

कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol ) एक प्रकार की चर्बी होती है जो हमारे लिवर में पैदा होती है। यह एक नियत मात्रा में हमारे शरीर की कार्यप्रणाली को ठीक रखने के लिए आवश्यक होती है। कोलेस्ट्रॉल ( Cholesterol ) शरीर में विटामिन डी, हार्मोन्स और पित्त का निर्माण करता है, जो हमारे शरीर में पाए जाने वाले वसा को पचाने में मदद करते है। मानव शरीर;में कोलेस्ट्रॉल ( Cholesterol ) की आवश्यकता मुख्यतः कोशिकाओं और हार्मोन के निर्माण के लिए होती है । शरीर में कोलेस्ट्रॉल ( Cholesterol ) का लगभग 25 प्रतिशत उत्पादन यकृत यानि लीवर के माध्यम से होता है।

यह भी जाने:- तुलसी ऐसी अचूक रामबाण औषधी है इसे घर का वैद्य भी कहा गया है। जानिए तुलसी के चमत्कारी औषधीय गुण

जब हमारे शरीर में यह कोलेस्ट्रोल सामान्य मात्रा में होता है तो हमारी धमनीयों और शिराओं में रक्त का प्रवाह निर्बाध रूप से होता रहता है।लेकिन जब कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol ) की मात्रा बढ़ जाती है तो इससे हमारी रक्त-शिराओं में थक्के बनाना शुरू हो जाता है जिससे हमारा रक्त चाप बढ़ जाता है, इसके फलस्वरूप उक्त रक्तचाप, दिल के दौरे, छाती में दर्द, और कई अन्य ह्रदय रोगों की सम्भावना बढ़ जाती है।
एक शोध के अनुसार शरीर में कोलेस्ट्रॉल अधिक होने से पार्किंसन रोग की आशंका भी बढ़ जाती है। डायबटीज और किडनी के रोगों से पीड़ित लोगों के लिए उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल बहुत घातक सिद्ध होता है।
कोलेस्ट्राल तीन प्रकार का होता है

एलडीएल (Low Density Lipoprotein) जिसे बुरा कोलेस्ट्राल कहते है,

जरुर पढ़ें :- पेट साफ ना होना अर्थात कब्ज होना यह बहुत सी बिमारियों की जड़ है। इस उपाय से कब्ज से हमेशा के लिए मिलेगा छुटकारा

एचडीएल (High Density Lipoproteins) इसे अच्छा कोलेस्ट्राल कहते है और ,

वी एल डी एल ( very Low Density Lipoprotein ) ।

एलडीएल (bad cholesterol) असल में कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol ) नहीं बल्कि उसका “कैरियर” मात्र है।यह कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol ) को शरीर की कोशिकाओं में ले जाता है। और इस काम को यह ठीक से नहीं कर पता है, यह कोलेस्ट्रोल चर्बी को इधर-उधर गिराता चलता है जिससे रक्त शिराओं में कई जगहों पर कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol ) के थक्के जमा हो जाते हैं।

एलडीएल की मात्रा एचडीएल के मुकाबले में बहुत कम होती है जिसके वजह से यह बिना नज़र में आए रक्त शिराओं की अंदरुनी सतह तक में चला जाता है। स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है जब एलडीएल के नुकसानों की भारपाई करने के लिए आने वाले व्हाईट ब्लड सेल्स उन थक्कों को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं।

एचडीएल (good cholesterol) कहलाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा का 30% एचडीएल कोलेस्ट्रोल होना चाहिए। एचडीएल को ‘Good’ cholesterol इसलिए कहा जाता है कि ये अवांछित कोलेस्ट्रोल को उत्सर्जित करने के लिए रक्त शिराओं से लिवर तक पहुंचाते हैं।

अतिन्यून घनत्व लिपोप्रोटीन (very Low Density Lipoprotein ) शरीर में कोलेस्ट्रॉल को लिवर से ऊतकों और इंद्रियों के बीच ले जाता है। वी एल डी एल कोलेस्ट्रॉल, एल डी एल कोलेस्ट्रॉल से ज्यादा हानिकारक होता है। यह हृदय रोगों का प्रमुख कारण बनता है।

इस साइट के सभी आलेख शोधो, आयुर्वेद के उपायों, परीक्षित प्रयोगो, लोगो के अनुभवों के आधार पर तैयार किये गए है। किसी भी बीमारी में आप अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य ही लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। इन उपायों का प्रयोग अपने विवेक के आधार पर करें,असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी ।

Pandit Ji
Pandit Jihttps://www.memorymuseum.net
MemoryMuseum is one of the oldest and trusted sources to get devotional information in India. You can also find various tools to stay connected with Indian culture and traditions like Ram Shalaka, Panchang, Swapnphal, and Ayurveda.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Translate »