गठिया की दवा, gathiya ke dawa,
गठिया अत्यंत कष्टकारी बीमारी है। इसे आमवात भी कहा जाता है। गठिया में शरीर के जोडों में दर्द jodo men dard है, शरीर मे यूरिक एसीड की मात्रा अधिक हो जाती है। जोडों में सूजन jodo men sujanहोने लगती है। यूरिक एसीड के कण जोडों में जमा हो जाते हैं इस कारण जोडों में बहुत दर्द होता है। गठिया रोग gathiya rog में रात को जोडों का दर्द बढता है और सुबह जोड़ो में अकड़न महसूस होती है। यदि उपचार से गठिया को शीघ्र नियंत्रण नहीं किया गया तो जोडों को बहुत नुकसान हो सकता है।
यहाँ पर हम आपको की ऐसी घरेलु गठिया की दवा. gathiya ki dava गठिया रोग का इलाज gathiya rof ka ilaz बता रहे है, जिनको करने से निश्चित ही गठिया में आराम मिलेगा।
जानिए, गठिया की दवा, gathiya ki dava, गठिया रोग का इलाज, gathiya rog ka ilaz, गठिया के उपाय, gathiya ke upay,
* जेतुन के तैल से मालिश करने से भी गठिया ( Gathiya ) में बहुत लाभ मिलता है ।
* सौंठ का एक चम्मच पावडर का नित्य सेवन गठिया की अचूक दवा ( Gathiya ki achuk dava ) है ।
* गठिया रोग ( gathiya rog ) में हरी साग सब्जी का इस्तेमाल बेहद फ़ायदेमंद रहता है। पत्तेदार सब्जियो का रस भी बहुत लाभदायक रहता है।
* गठिया के उपचार ( Gathiya ke upchaar ) में भी जामुन बहुत उपयोगी है। इसकी छाल को खूब उबालकर इसका लेप घुटनों पर लगाने से गठिया रोग का इलाज ( gathiya rog ka ilaj ) होता है ।
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* अर्थराइटिस / जोड़ो के दर्द ( jodo ke dard ) में में गेहूं के दाने के बराबर चूना नित्य सुबह खाली पेट एक कप दही मे / दाल मे या पानी मे मिलाकर तीन महीने तक लगातार सेवन करना है इससे कैसी भी आर्थराइटिस , गठिया का रोग ( gathiya ka rog ) हो वह ठीक हो जाता है, यह गठिया रोग का अचूक इलाज ( gathiya rog ka achuk ilaj ) है लेकिन जिन लोगो को पथरी की शिकायत है वह इसे ना करें ।
* हरसिंगार / पारिजात के पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है उस फुल की डंडी नारंगी रंग की होती है, रात को फूल खिलते है और सुबह जमीन में गिर जाते है । इस पेड़ के छह सात पत्ते तोड़ के सिल्वबट्टे में पिस के चटनी बनाइये फिर इसे एक ग्लास पानी में इतना गरम करे के पानी आधा हो जाये इसको ठंडा करके रोज सुबह खाली पेट पिलाना है ।
यह पुराने से पुराना पुराना गठिया , आर्थराइटिस , घुटने का दर्द ( ghutni ka dard ), जोड़ो का दर्द ( Gathiya ka dard ) हो उन सबके लिए रामबाण है । इसे लगातार तीन महीने तक देना है और हर रोज ताजा बनाके पीना है । पानी में यह दवा हमेशा बैठ के पीनी चाहिए। इससे आर्थराइटिस या जोड़ो का दर्द ( jodo ka dard ) बिलकुल ठीक हो जाता है ।
* प्रतिदिन सुबह और शाम खाली पेट आधा कप बथुआ के ताजा पत्तो का रस पीने से गठिया ( gathiya ) दूर होता है। इस रस में बिलकुल कुछ भी न मिलाएं और इसको लेने के दो घंटे तक कुछ भी ना लें । इसे दो माह तक लगातार लें ।
* इसके अतिरिक्त आटा गूंधते समय उसमे बथुआ के पत्ते भी महीन महीन काट कर मिलाएं । इससे गठिया, जोड़ो का दर्द, ( jodo ka dard ) कमर-दर्द, ( kamar dard ) वा कमजोरी अति शीघ्र दूर होती है , यह गठिया का अचूक इलाज ( gathiya ka achuk ilaj ) है ।
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* जोड़ों के दर्द ( jodo ke dard ) में नित्य 100 – 100 ग्राम अदरक दिन में दो बार लेने से दर्द में बहुत राहत मिलती है। आप अदरक का सेवन सब्जी, सूप आदि चीजों में मिलाकर भी कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त जोड़ों के दर्द ( jodo ke dard ) में जोड़ो पर सुबह शाम नीबू के रस की मालिश करने से एवं नित्य सुबह एक गिलास पानी में एक नीबू का रस निचोड़ कर पीते रहने से जोड़ों का दर्द ( jodo ka dard ) एवं सूजन दूर हो जाती है।
* अश्वगंधा,शतावरी एवं आमलकी का चूर्ण ( यह सब बाजार में आसानी से उपलब्ध है ) को अच्छे से मिलकार सुबह-सुबह पानी के साथ लेने से जोड़ों का दर्द ( jodo ka dard ) में बहुत ज्यादा आराम मिलता है और जोड़ो में मजबूती भी आती है।
* लगातार एक माह तक रात को 15 20 अखरोट की गिरी भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से घुटनो / जोड़ो के दर्द ( jodo ke dard ) में आशातीत रूप से लाभ मिलता है । इसका दो माह तक सेवन करने से गठिया ( gathiya ) जड़ से चला जाता है ।
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