मधुमेह, मधुमेह के कारण, Madhumeh ke karan,
आज भारत की बहुत बड़ी आबादी मधुमेह, madhumeh, या शुगर, sugar, डायबिटीज, diabetes, के चंगुल में फंसती जा रही है । 40 -45 के उम्र के बाद तो 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग इसकी गिरफ्त में है अब तो नौजवान और बच्चे भी शुगर की बीमारी sugar ki bimari का शिकार हो रहे है।
मधुमेह के कारण, Madhumeh ke karan, शरीर में इन्सुलिन की कमी हो जाती है या शरीर में इन्सुलिन तो होता है मगर वो सही तरीके से शुगर नहीं बना पाता। इससे रक्त में इन्सुलिन की कमी के कारण ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है। मधुमेह Madhumeh निम्नलिखित कारणों से ज्यादा होता है।
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डायबिटीज के कारण, diabetes ke karan,
* अगर आपके परिवार में किसी को पूर्व में मधुमेह, madhumeh, शुगर, Diabetes, डायबिटीज, है तो आपको या बीमारी होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
* मोटापा मधुमेह, madhumeh, शुगर, Diabetes, डायबिटीज, का बहुत बड़ा कारण है, मोटे लोग मधुमेह के जल्दी शिकार हो जाते है ।
* शरीर में कैलोस्ट्राल की अधिक मात्रा होना या रक्त चाप के असामान्य होने से भी मधुमेह, madhumeh, शुगर, Diabetes, डायबिटीज, का खतरा अधिक बढ़ जाता है ।
* अधिक शरीरिक श्रम, थकान, मानसिक थकान, तनाव, आदि के कारण भी लोग मधुमेह, madhumeh, शुगर, Diabetes, डायबिटीज, के शिकार हो जाते है ।
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* अधिक मीठा खाने से भी मधुमेह, madhumeh, शुगर ( Diabetes, डायबिटीज ) हो सकती है।
* जो लोग नियमित रूप से बाहर का खाना खाते है उन्हें मधुमेह, madhumeh, शुगर ( Diabetes, डायबिटीज ) होने की आशंका तीन गुना ज्यादा तक होती है ।
* स्वस्थ शरीर के लिए कम से कम 4 लीटर पानी अवश्य ही पीना चाहिए । कम पानी पीने से भी मधुमेह, madhumeh, शुगर ( Diabetes, डायबिटीज ) होने की अधिक सम्भावना होती है ।
* असमय खाने से , जंक फ़ूड खाने , बासी खाने या फ्रिज में ज्यादा दिन तक रखे खाने से भी लोग मधुमेह, madhumeh, शुगर ( Diabetes, डायबिटीज ) के जल्दी शिकार हो जाते है ।
* अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से सैर करना या व्यायाम करना आवश्यक है । एक्सरसाइज ना करने से भी मधुमेह, madhumeh, शुगर ( Diabetes, डायबिटीज ) होने का खतरा बढ़ जाता है ।
* रात में देर से खाना खाने और खाने के बाद तुरंत सो जाने से भी शुगर / डायबटीज़ हो सकती है।
* ज्यादा समय तक लगातार बैठा रहना , लगातार देर तक टीवी देखना इत्यादि कारण भी लोग मधुमेह, madhumeh, शुगर, Diabetes, डायबिटीज, का शिकार हो जाते हैं।
मधुमेह के प्रकार ( madhumeh ke prakar )
हम जो भी खाते है उसे हमारा पाचन तंत्र ग्लूकोज बना कर रक्त में भेज देता है । इसे हमारे शरीर की कोशिकाओं में पहुँचाने के लिए इंन्सुलीन नामक हारमोन की जरुरत होती है।
जब हमारा शरीर इंसुलिन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता है , तब ग्लुकोज रक्त में बढता जाता है मगर कोशिकाओं के अन्दर नहीं घुस पाताहै । यही मधुमेह,madhumeh, Diabetes, डायबिटीज, कहलाता है।
मधुमेह के प्रकार, Madhumeh Ke Prakar
टाइप – 1 डायबिटीज :— इसमें पैन्क्रियाज की बीटा कोशिकाएँ पूर्णतः नष्ट हो जाती हैं और इस तरह शरीर में इंन्सुलीन का बनना सम्भव नहीं होता है। अनुवांशिक कारणों , आँटो इम्युनिटी एवं किसी प्रकार के वाइरल संक्रमण के कारण बचपन में ही बीटा कोशिकाएँ पूर्णतः नष्ट हो जाती हैं।
यह बीमारी मुख्यतः 12 से 25 साल से कम अवस्था में मिलती है। भारत में यह बहुत ही कम मात्र 1% से 2% केसों में ही टाइप-1 के मरीज़ पाये जाते है। यूरोप विशेषकर स्वीडेन एवं फिनलैण्ड आदि में लोगो में टाइप-1 मधुमेह, टाइप – 1 डायबिटीज काफी पाया जाता है। ऐसे मरीजों इंसुलीन की सूई अनिवार्य रूप से दी जाती है।
टाइप – 2 डायबिटीज :— भारत में ज्यादातर 98% तक मधुमेह के रोगीयों में टाइप-2 मधुमेह, टाइप – 1 डायबिटीज पाया जाता हैं। ऐसे मरीजों में बीटा कोशिकाएँ कुछ-कुछ इन्सुलीन बनाती है। लेकिन यह थोड़ा बहुत बना हुआ इंसुलीन मोटापे, गलत / अनियमित खान पान एवं शारीरिक श्रम की कमी के कारण व्यर्थ हो जाता है।
ऐसे मरीजों के ईलाज के लिए कई तरह की दवाईयाँ उपलब्ध है लेकिन कोई भी विशेष कारगर नहीं है इसलिए उन्हें जीवन भर दवाएँ खानी पड़ती है और कई बार इंसुलीन भी देना पड़ता है।
Published By : Memory Museum
Updated On : 2020-12-17 00:50:00 PM
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