
जब आँख के लैंस की पारदर्शिता हल्की या समाप्त होने लगती है धुंधला दिखने लगता है तो उसे मोतियाबिंद ( Motiyabind ) कहते है । इस रोग में आँखों की काली पुतलियों में सफ़ेद मोती जैसा बिंदु उत्पन्न होता है जिससे व्यक्ति की आँखों की देखने की क्षमता कम हो जाती है ज्यादातर यह रोग 40 वर्ष के बाद होता है। मोतियाबिंद ( Motiyabind ) उम्र , मधुमेह, विटामिन या प्रोटीन की कमी , संक्रमण, सूजन या किसी चोट की वजह से भी सकता है ।
यहाँ पर हम कुछ आसान घरेलु उपाय बता रहे है जिनको करने से बिना ऑपरेशन के मोतियाबिंद का इलाज ( bina operation ke Motiyabind ka elaj ) संभव है | जानिए मोतियाबिंद का घरेलू इलाज,( Motiyabind ka gharelu ilaj ) मोतियाबिंद का आयुर्वेदिक इलाज, ( Motiyabind ka ayurvedic ilaj )
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मोतियाबिंद के उपाय
Motiyabind ke upay
मोतियाबिंद से बचाव ( Motiyabind se bachav ) के लिए सुबह जागने के बाद मुंह में ठंडा पानी भरकर पूरी आँखें खोलकर आंखों पर पानी के 8-10 बार छींटे मारें।
1 चम्मच त्रिफला चूर्ण, आधा चम्मच देसी घी और 1 चम्मच शहद को मिला लें। इसे रोज सुबह खाली पेट ले। इससे मोतियाबिंद ( Motiyabind ) के साथ-साथ आंखों की कई दूसरी बीमारियों से भी बचाव होता है।
मोतियाबिंद Motiyabind से बचने और आँखों की रौशनी तेज करने लिए प्रतिदिन गाजर, संतरे, दूध और घी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
एक बूंद प्याज का रस और एक बूंद शहद मिलाकर इसे काजल की तरह रोजाना आंख में लगाएं। आँखों की समस्या शीघ्र ही दूर होगी।
एक चम्मच घी, दो काली मिर्च और थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर दिन में तीन बार इसका सेवन करें ।
सौंफ और धनिया को बराबर मात्रा में लेकर उसमें हल्की भुनी हुई भूरी चीनी मिलाएं इसको एक एक चम्मच सुबह शाम सेवन करने से भी बहुत लाभ मिलता है।
6 बादाम की गिरी और 6 दाने साबुत काली मिर्च पीसकर मिश्री के साथ सुबह पानी के साथ लेने पर भी मोतियाबिंद में लाभ मिलता है।
आँखोँ की तकलीफ में गाय के दूध का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए ।
गाजर, पालक, आंवलें के रस का सेवन करने से मोतियाबिंद Motiyabind 2-3 महीने में कटकर ख़त्म हो जाता है ।
एक चम्मच पिसा हुआ धनिया एक कप पानी में उबाल कर छान लें ठंडा होने पर सुबह शाम आँखों में डाले इससे भी मोतियाबिंद में आराम मिलता है ।
हल्दी मोतियाबिंद होने से रोकती है। हल्दी में करक्युमिन नामक रसायन होता है जो रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है और साइटोकाइन्स तथा एंजाइम्स को नियंत्रित करता है।इसलिए हल्दी का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।
आंखों में मोतियाबिंद Motiyabind और रतौंधी हो जाने पर नीम के तेल को सलाई से आंखों में अंजन की तरह से लगाएं।
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