Sunday, December 22, 2024
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ऑफिस का वास्तु, office ka vastu,

ऑफिस का वास्तु, office ka vastu,

आज के युग में वास्तु शास्त्र के बहुत मान्यता है, और व्यापार कारोबार में सफलता चाहिए तो ऑफिस का वास्तु, office ka vastu, बहुत सभी होना ही चाहिए।

आजकल कड़ी प्रतिस्पर्धा के ज़माने में लोग अपने व्यापार में आगे बढ़ने के लिए जी जान से प्रयास करते है। इनमें ना केवल उसके मालिक वरन तमाम कर्मचारियों का भविष्य भी दावँ में लगा होता है ।  किंतु कई बार बहुत परिश्रम के बाद भी बेशुमार धन लगाने के बाद भी सफलता कोसो दूर ही रहती है इसका एक प्रमुख कारण उनके ऑफिस का वास्तु दोष office ka vastu Dosh भी हो सकता है ।

वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिशा एक विशेष गुण लिए होती है और उन दिशाओं के गुणों के मुताबिक ही कार्य करने से अल्प समय, अल्प व्यय में ही लाभ मिल सकता है ।

हम यहाँ पर आपको ऑफिस / कार्यालय से सम्बंधित कुछ आसान से वास्तु के नियम बता रहे है जिन्हे अपनाकर आप अवश्य ही अपने व्यापार को और भी अधिक ऊँचाइयों पर ले जा सकते है।

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* आप अपने कार्यालय / आफिस के बाहर  खूबसूरत साइनबोर्ड अवश्य ही लगाएं, जो लोगो को अच्छी तरह से दिखाई दे सके। खूबसूरत साइनबोर्ड लगाने से आफिस की प्रसिद्धि बढ़ती है।

* आफिस में पूजा का स्थान अर्थात मंदिर ईशान दिशा या पूर्व दिशा अथवा उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए, मंदिर को दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए ।

* दुकान , आफिस के मालिक को अपनी कुर्सी सदैव ऊँची रखनी चाहिए। लोहे, ऐल्युमिनियम की कुर्सी पर बैठने से व्यक्ति का कारोबार मंदा पड़ता है। अचानक से हानि का सामना करना पड़ता है।

* संगरमरमर , लकड़ी की हरे, भूरे या लाल रंग की कुर्सी पर बैठकर व्यापार का कार्य करने से धन लाभ होता है।

* अगर कुर्सी लोहे या पाइप आदि की हो तो कुर्सी के नीचे लकड़ी का दो-तीन इंच ऊँचा चौकोर ठोस पटरा रखें । सदैव कुर्सी पर लाल , हरे , पीले रंग का आसन अथवा कुशन प्रयोग करें इससे नौकरी में प्रमोशन होता है, धन के नए स्रोत्र बनते है और कार्यक्षेत्र में विस्तार होता है।

* वास्तु vastu के अनुसार यह ध्यान रहे कि मालिक की कुर्सी आफिस के दरवाजे के ठीक सामने बिलकुल भी ना हो ।

* मालिक को यथासंभव नेत्रत्य, दक्षिण अथवा पश्चिम की दीवार से 2 – 3 इंच की जगह छोड़कर बैठना चाहिए जिससे उसका मुँख ईशान, उत्तर अथवा पूर्व की तरफ रहे ।

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* आफिस office के मालिक को अगर केबिन में बैठना हो तो उसे भी  नैऋत्य कोण में ही होना चाहिए, केबिन का आकार यथासंभव वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए। आफिस के सभी केबिनो के द्वार अंदर की ओर ही खुलने चाहिए ।

* मालिक की कमर के पीछे कोई खिड़की या दरवाजा नहीं वरन ठोस दीवार होनी चाहिए । 

* बॉस के पीठ पीछे ऊँची इमारत अथवा बर्फ के ऊँचे पहाड़ का चित्र लगाना चाहिए । इससे बॉस की अपने कर्मचारियों एवं ग्राहकों पर पकड़ मजबूत बनी रहती है । 

* कभी भी अपने भवन / आफिस / दुकान के सामने जूते चप्पल ना उतारें । मुख्य द्वार के दोनों तरफ धात्री और विधात्री का वास, ऊपर विघ्न विनायक गणपति गणेश जी और नीचे श्री देहली का निवास माना जाता है अत: जूते चप्पल मुख्य द्वार के किनारे किसी अलमारी में ही रखने चाहिए ।

* मालिक और कर्मचारियों को सुबह अपने व्यापारिक स्थल को दाहिने हाथ से प्रणाम करते हुए दाहिना पैर अंदर रखना चाहिए ।

* अपने कार्यालय का कचरा उसके मुख्य द्वार के सामने नहीं इकट्ठा करें वरन उसे समेट कर कहीं दूर फिकवायें। कूड़ेदान मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए ।

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सुनील परदल
वास्तु विशेषज्ञ



Published By : Memory Museum
Updated On : 2021-12-02 06:00:55 PM

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