राम नवमी, Ram Navami,
भगवान श्री राम का जन्मोत्सव राम नवमी Ram Navami का पर्व पूरे भारत में अत्यंत हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व अत्यंत प्राचीन काल से ही पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है ।
वर्ष 2024 में राम नवमी Ram navmi का पर्व बुधवार 17 अप्रैल को मनाया जायेगा ।
मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का सम्पूर्ण भारतीय जनमानस पर बहुत प्रभाव है । भगवान श्री राम भगवान विष्णु के अवतार कहे गए है उन्हें विष्णु जी vishnu ji का सातवाँ अवतार माना जाता है।
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Ram Navami, राम नवमी,
प्राचीन काल में लंका पर रावण का राज था जो परम विद्वान् होने के साथ बहुत अत्याचारी भी था। उसके अत्याचार से ना केवल मनुष्य, ऋषि वरन देवतागण भी अत्यंत त्रस्त थे । रावण ने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान ले रखा था इसीलिए कोई उसका बाल भी बांका नहीं कर पाता था । उसके अत्याचार से परेशान होकर सभी देवता भगवान विष्णु के पास जाकर कल्याण के लिए प्रार्थना करने लगे।
तब भगवान श्री विष्णु जी ने सम्पूर्ण सृष्टि के कल्याण , धर्म की पुन: स्थापना , रावण के वध के लिए प्रतापी राजा दशरथ के यहाँ जन्म लेने का निश्चय किया ।
शास्त्रो के अनुसार त्रेतायुग में चैत्र माह Chaitr Maah की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में भगवान श्री विष्णु जी ने राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या को गर्भ से राम के रूप में जन्म लिया। तभी से उस शुभ तिथि को रामनवमी Ramnavmi के रूप में मनाया जाने लगा ।
मान्यता है कि राम नवमी ram navami के दिन ही गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना शुरू की थी।
रामनवमी Ramnavmi का दिन नवरात्री navratri का नवां और अंतिम दिन होता है, इस दिन भक्त गण माँ सिद्धि दात्री की आराधना करते है और इस के साथ ही नवरात्र navratr की समाप्ति भी हो जाती है इसलिए नवां नवरात्र navratr और रामनवमी Ramnavmi दोनों पर्व एक साथ एक दिन होने पर इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बड़ जाता है ।
राम नवमी Ramnavmi के अवसर पर पूरे देश के मंदिरो में विशेष पूजा अर्चना की जाती है लेकिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी में भक्तों का विशेष उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन अयोध्या नगरी में देश विदेश से लाखो लोग आकर पवित्र सरयू नदी पर स्नान कर भगवान श्री राम की अराधना करते हुए उनका जन्म उत्सव मानते है ।
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रामनवमी Ramnavmi का पर्व पापों का नाश करने और शुभ फल प्रदान करने वाला है । इस दिन बहुत से भक्तगण ब्रत रखते है ।
इस दिन रामायण का पाठ करने से अक्षय पूण्य मिलता है अगर रामायण का पाठ संभव ना हो तो सुन्दर कांड अवश्य ही पढे ।
रामनवमी Ramnavmi के दिन रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करने से जीवन के साथी कष्ट, संकट दूर होते हैं।
इस दिन घरो, मंदिरो में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
इस दिन भगवान राम के दर्शन और उनकी मूर्ति को फूल-माला से सजाने से जीवन में सुख – समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।
रामनवमी Ramnavmi के दिन भगवान राम का जन्म होने के कारण बहुत से भक्त गण भगवान राम की मूर्ति को पालने में भी झुलाते हैं।
भगवान श्री राम shri ram सम्पूर्ण सृष्टि के राजा माने गए है अतः इस दिन उनकी विधि पूर्वक आराधना करने से जीवन के सभी मनोरथ निश्चय ही पूर्ण होते है ।
रामनवमी Ramnavmi के दिन प्रात: स्नान आदि के पश्चात भगवान राम की मूर्ति / तस्वीर को शंख से स्नान कराकर उन्हें पीले चन्दन से तिलक करें ।
फिर उन्हें लौंग, इलाइची, शहद, सुपारी, नारियल, पान, फल, मीठा आदि अर्पित करें, उन्हें पीला जनेऊ फिर पीले फूलो की माला पहनाये ।
इस दिन भगवान राम को तुलसी अवश्य ही चढ़ाएं । तत्पश्चात राम रक्षा स्रोत्र का पाठ करे अंत में आरती करके प्रशाद वितरित करें ।
इस दिन किसी भी राम मंदिर ram mandir में जाकर भगवान को पीले फूलो अथवा गुलाब की माला पहनाये इससे परिवारिक जीवन सुखमय होता है, जीवन में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है ।
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राम नवमी के दिन भगवान श्री राम को शहद अर्पित करने से प्रेम में सफलता मिलती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है।
कहते है जो भक्त गण राम नवमी Ramnavmi के दिन भगवान श्री राम की विधि पूर्वक आराधना करते है उनको इस संसार के समस्त भौतिक सुखो की प्राप्ति होती है, उनके पुरखो को मोक्ष मिलता है, उनके परिवार में लोग संस्कारी होते है और अंत में जातक को स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है ।
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