सर्दियों में खान पान, sardiyon men khan paan,
6. बाजरा:- कुछ अनाज ऐसे है जो सर्दी में शरीर को ज्यादा गर्मी देते है। उनमें सबसे प्रमुख अनाज बाजरा है। सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी जरूर खानी चाहिए।
बाजरे में बहुत से स्वास्थ्यवर्धक गुण होते है। दूसरे अनाजों की अपेक्षा बाजरा में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता है। बाजरा में शरीर के लिए बहुत से आवश्यक तत्व जैसे फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन, विटामिन-बी, एंटीऑक्सीडेंट आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। बाजरे की रोटी, टिक्की आदि खाने से शरीर का ठण्ड से बचाव होता है ।
7. अदरक:- अदरक हमारी रसोई में विशेष स्थान रखता है । अदरक का प्रयोग सब्जियों के बनाने में होता है , वैसे तो इसको साल भर ही लेना चाहिए लेकिन सर्दियों में अदरक का सेवन किसी ना किसी रूप में अवश्य ही करना चाहिए ।
अदरक की तासीर गर्म होती है जाड़े में इसके सेवन से सर्दी, जुकाम, खाँसी और साँस सम्बन्धी परेशानियों से बचाव होता है ।अदरक के सेवन से पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और ठण्ड लगने की सम्भावना कम हो जाती है । अदरक पेट की परेशानियाँ, सर्दी, कफ, गठिया, जोड़ो के दर्द, माइग्रेन, ह्रदय रोग, अस्थमा, मधुमेह और कैंसर जैसे रोगो में विशेष लाभकारी है। अदरक को ओवरी कैंसर, स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर के इलाज में भी बहुत लाभदायक माना गया है।
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अदरक को मधुमेह के बचाव और उपचार दोनों में बहुत असरकारी माना गया है। अदरक के तत्व ग्लूकोज को स्नायु कोशिकाओं तक पहुंचाने की प्रक्रिया बढ़ा सकते हैं। इससे उच्च रक्त शर्करा स्तर को काबू किया जा सकता है।शोधो से पता चला है कि अदरक मधुमेह पीड़ित के लिवर, किडनी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सुरक्षित करता है। अदरक मोतियाबिंद का खतरा भी कम करती है।
सर्दियों में अदरक के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और ह्रदय रोग से भी बचाव होता है । अदरक के सेवन से शरीर की सूजन भी कम होती है और मासिक धर्म की परेशानियों में भी कमी अति है।
8. शहद:- शहद को आयुर्वेद में अमृत कहा गया है। शहद के सेवन से शरीर स्वस्थ, सुन्दर, निरोग और उर्जावान बनता है। वैसे तो सभी ऋतिओं में शहद का सेवन से लाभ मिलता है, लेकिन सर्दियों में तो शहद का प्रयोग बहुत गुणकारी होता है। सर्दियों में गुनगुने दूध में रोजाना एक चम्मच शहद डालकर लेने से शरीर में चुस्ती फुर्ती बनी रहती है। मांसपेशियाँ बलवान होती है । सर्दियों में त्वचा रूखी हो जाती है इसमें शहद बहुत ही अच्छे माश्चराइजर का काम करता है ।
शहद आंखों की रोशनी बढ़ाने, अस्थमा, रक्त शोधन, दिल को मजबूत करने और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में बहुत उपयोगी है।
शहद के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है और मोतियाबिंद जैसी बीमारियाँ भी दूर होती है। नित्य शहद के सेवन से पेट साफ रहता है। प्रतिदिन एक चम्मच शहद को टमाटर या संतरे के रस के साथ लेने से कब्ज दूर होती है। शहद को पानी में मिलाकर कुल्ले करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। दांत के दर्द में रूई के फाहे को शहद में भिगोकर दर्द वाली जगह पर रखने से शीघ्र आराम मिलता है ।
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सर्दियों में कफ जमा होने पर शहद और प्याज़ के रस को समान मात्रा में लेने से सारा कफ निकल जाता है और आँतों में जमीन विषैले तत्व भी साफ हो जाते है। अदरक के रस और शहद को समान मात्रा में लेने से खाँसी और साँस सम्बन्धी परेशानियाँ दूर हो जाती है ।
सर्दियों में लोग गर्म वस्तुओं का सेवन करना पसंद करते है लेकिन शहद को अधिक गर्म पानी, गर्म दूध के साथ नहीं लेना चाहिए साथ ही शहद को गर्म करके / तपा कर भी नहीं लेना चाहिए । शहद में दूध या घी की समान मात्रा विष का कार्य करती है ।
शहद को माँस मछली के साथ भी कदापि नहीं लेना चाहिए और घी मक्खन के साथ शहद का सेवन भी विष के समान है ।
9. मूंगफली;- सर्दियों के मौसम में अगर आपने मूंगफली का सेवन नहीं किया तो सर्दियाँ का मजा ही नहीं लिया । मूंगफली को गरीबो का बादाम कहते है लेकिन यह है गुणों की खान । इसके सेवन से ठण्ड से बचाव होता है और शरीर को ऊर्जा मिलती है ।
मूँगफली एक बेहतरीन एंटी एक्सीडेंट है । इसमें प्रोटीन, विटामिन ई , विटामिन बी 3 , कार्बोहाइड्रेट और विटामिन बी काम्प्लेक्स अच्छी मात्रा में पाया जाता है ।
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मूंगफली के सेवन से तनाव , अवसाद कम होता है और त्वचा भी खूबसूरत होती है। मूँगफली खाने से दिमाग भी तेज होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए मूँगफली बहुत उत्तम होता है । मूंगफली खाने से बैड कॉलेस्ट्रॉल कम होता है।
सर्दियों में नित्य कम से कम 50 ग्राम मूंगफली का अवश्य ही सेवन करें , लेकिन मूंगफली का एक साथ बहुत अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें ऊर्जा की मात्रा अधिक होती है। दिल व बीपी के मरीजों को अधिक नमकीन या तली हुई मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए।
10. सर्दियों में गुड़ :- गुड और चीनी दोनों ही गन्ने के रस से बनते हैं। लेकिन चीनी बनने पर उसके आइरन तत्व, पोटेशियम, गंधक, फासफोरस और कैल्शियम आदि सभी आवश्यकतत्व नष्ट हो जाते हैं लेकिन गुड़ में ये सभी तत्व पूर्णतया मौजूद होते हैं। गुड़ विटामिन ए और विटामिन बी का बेहतर स्त्रोत है।
गुड़ को प्राकृतिक मिठाई कहते है। गुड़ में कई ऐसे लाभकारी गुण होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। गुड़ को सेहत का खजाना भी कहा जाता है। गुड का सेवन करने से पाचन तंत्र सही रहता है। यह प्राकर्तिक तरीके से ताजे गन्ने के रस से तैयार किया जाता है, चूँकि इसके सेवन से सर्दी कम लगती है इसलिए सर्दियों में इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है ।
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सर्दी के दिनों में गुड़ का प्रयोग अमृत के समान माना गया है । इसकी तासीर गर्म होती है इसी कारण इसके सेवन से सर्दी, जुकाम और कफ से शीघ्र ही राहत मिलती है।
गुड़ के सेवन से गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में बहुत अधिक सहायता मिलती है।
गुड़ में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। गुड़ खाने से हमारे शरीर की मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं को थकान से राहत मिलती है।
गुड़ पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत माना गया है। गुड के नियमित रूप से सेवन से शरीर का रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
जिन लोगो के शरीर में खून की कमी होती है गुड़ उनके लिए वरदान है। गुड में आयरन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए इसके सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढाने में सहायता मिलती है।
गुड़ पेट की समस्याओं को दूर करने में बहुत ही सहायक होता है। गुड के नियमित सेवन से पेट में गैस बनना और पाचन सम्बन्धी सभी समस्याएं दूर रहती है। खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन करने से पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है।
गुड़ में में कैल्शियम, फास्फोरस और जस्ता भी होता है जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।
जिन महिलाओ को मासिक धरम के दौरान दर्द रहता हो उन्हें गुड़ खाने से दर्द में राहत मिलती है ।
गुड हमारी त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी है । गुड के सेवन से रक्त साफ होता है, त्वचा में निखर आता है,कील मुहांसो की परेशानियाँ भी दूर रहती है ।
गुड खाने से हमें तुरंत ऊर्जा मिलती है जब भी थकान या कमजोरी महसूस हो तो गुड खाएं इससे तुरंत आराम मिलता है ।
गुड में एलर्जी से लड़ने वाले तत्व होते है इसलिए दमा के मरीज़ो के लिए गुड का सेवन बेहद फायदेमंद रहता है ।
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