थाइराइड के कारण
Thyroid ke karan
जरुरत से ज्यादा सोया उत्पादों के प्रयोग से थाइराइड की शिकायत होने की बहुत ही ज्यादा सम्भावना होती है ।
कई बार कुछ दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव के कारण भी थायराइड हो जाता है ।
भोजन में आयोडीन का कम या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड का कारण बन सकता है ।
तनाव के बढ़ने का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। इससे हार्मोन का स्राव बड़ जाता है ।
थायराइड का सबसे बड़ा कारण अनुवांशिक है। यदि किसी व्यक्ति के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या हो तो उस कारण भी थायराइड होने की संभावना बड़ जाती है ।
मुहाँसों, सिर, गर्दन और छाती की किसी भी प्रकार की विकिरण थैरेपी के कारण अथवा टोंसिल्स, थाइमस ग्रंथि या लिम्फ नोड्स की समस्या के कारण भी थाइराइड की शिकायत हो सकती है ।
थायराइड पिट्यूटरी ग्रंथि की समस्या के कारण भी हो सकता है । क्यों कि कई बार पिट्यूटरी ग्रंथि में समस्या के कारण थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन नहीं कर पाती है ।
थायराइड का सबसे बड़ा कारण ग्रेव्स रोग भी हो सकता है। इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है।यह ग्रेव्स रोग अधिकतर 20 से 40 वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, ग्रेव्स रोग की वजह से थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है।
गर्भावस्था, जिसमें स्त्रियां लगभग 9 माह तक रहती है भी थायराइड का कारण हो सकता है क्योंकि गर्भावस्था में स्त्री के शरीर में बहुत परिवर्तन होते है, और वह जल्दी ही तनाव में आ जाती है।
*मेनोपाज़ अर्थात रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण होता है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय में भी महिलाओं के शरीर में में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है।
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