Saturday, November 23, 2024
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Vishwakarma puja, विश्वकर्मा पूजा, Vishwakarma puja 2024,

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हिन्दू धर्म में देवताओं के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा को समर्पित विश्वकर्मा पूजा, Vishwakarma puja, का बहुत महत्त्व है ।

प्रत्येक वर्ष 17 सितम्बर को विश्वकर्मा पूजा, Vishwakarma puja, श्रम दिवस का पर्व मनाया जाता है । भगवान विश्वकर्मा इस ब्रह्माण्ड के सबसे बड़े अविष्कारक माने जाते है उन्होंने अनेकानेक अद्भुत अविष्कार किये हैं।

विश्वकर्मा जी के पिता वास्तुदेव को और माता का नाम अंगिरसी था। इनकी ऋद्धि सिद्धि और संज्ञा नाम की तीन पुत्रियाँ थी जिनमें से ऋद्धि सिद्धि का विवाह भगवान गणेश से हुआ था तथा,

तीसरी पुत्री संज्ञा का विवाह महर्षि कश्यप और देवी अदिति के पुत्र भगवान सूर्यनारायण से हुआ था और यमराज , यमुना , कालिंदी और अश्वनीकुमार इनकी ही संताने हैं।

मनु, मय, त्वष्ठा, शिल्पी और देवज्ञ इनके पुत्र कहे गए है ये सभी महान शिल्पकार और निर्माण कर्ता माने गए है ।

भगवान विश्वकर्मा जी की प्रतिमा, चित्र सामान्यतः प्रत्येक कारखानों, निर्माण स्थलों, कार्यस्थल में स्थापित किए जाते हैं।

इस ब्रह्माण्ड के सबसे महान अविष्कारक देवताओं के वास्तुकार, प्रमुख शिल्पी, भगवान विश्वकर्मा ने इंद्रपुरी, स्वर्गलोक, यमपुरी, द्वारका नगरी, कुबेर पुरी, लंका और हस्तिनापुर इत्यादि अनेको अद्वितीय नगरों का निर्माण किया था ।

भगवान विश्वकर्मा जी ने अनेको अस्त्र शास्त्र जैसे भगवान श्री विष्णु जी का सुदर्शन चक्र, भगवान भोलेनाथ जी का त्रिशूल, हनुमान जी की गदा, यमराम के कालदंड, कर्ण के कुण्डल और पुष्पक विमान आदि का निर्माण भी किया था।

ध्यान रहे 17 सितम्बर को भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है लेकिन इस दिन विश्वकर्मा जी की जयंती अर्थात प्राकट्य दिवस नहीं है । शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा जी का प्राकट्य दिवस माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को माना जाता है ।

विश्वकर्मा पूजा पर लोग अपने अपने कल – कारखानों, दफ्तरों को सजाकर, अपनी मशीनों, औजारों और किसी भी तरह के निर्माण कार्यों में काम आने वाले उपकरणों, वाहनों की विधिवत पूजा करके अपने कार्य में श्रेष्ठ तरक्की के लिए प्रार्थना करते हैं।

विश्वकर्मा पूजा में इंजिनियर, वास्तुविद, शिल्पकार, कारीगर, किसी भी तरह का यांत्रिक कार्य करने वाले, मजदूर आदि विशेष कर बहुत जी हर्ष और उल्लास से भाग लेते है।

मान्यता हैं कि भगवान ब्रह्मा जी के मानस पुत्र और महान वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा करने, इस दिन अपनी मशीन, औजार और वाहन आदि की पूजा करने से वे काम की बीच में कभी भी धोखा नहीं देते, सारे कार्य निर्विघ्न पूरे हो जाते हैं।

सुनील परदल
वास्तु विशेषज्ञ

Pandit Ji
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