नवरात्रि में माता का भोग

नवरात्र Navratri का हिन्दु धर्म में अति विशेष महत्व है । हिन्दू धर्मग्रंथों में शक्ति, संपन्नता, ज्ञान,सुख,आरोग्य एवं समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शक्ति के नौ स्वरूपों यानी माता नवदुर्गा की पूजा का महत्व बताया गया है।नवदुर्गा का अर्थ है माता दुर्गा के नौ दिव्य स्वरूप। मां दुर्गा को दुर्गति का नाश करने वाली शक्ति कहा जाता है। नवरात्रि Navratri में मां दुर्गा की रात्रि में सच्चे मन से की गयी आराधना विशेष फलदायी है …. ऐसा विश्वास है कि नवरात्रि Navratri की नौ रातों में माता दुर्गा की नौ शक्तियों के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा और प्रात: उनको प्रतिदिन अलग अलग भोग चडाने से माता अपने सभी भक्तों की प्रत्येक कामनाओं को पूरा कर उन्हें बल, बुद्धि, धन, यश और दीर्घ आयु का वरदान देती है,

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यहाँ पर हम आपको माता दुर्गा को प्रतिदिन चड़ाए जाने वाले भोग के बारे में बता रहे है जिससे आप सभी भक्तों की पूजा आपको अवश्य ही मनवांछित फल प्रदान करें ।

प्रथम नवरात्रि Navratri के दिन मां शैल पुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से भक्तों आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है उनका मन एवं शरीर दोनों ही निरोगी रहता है।

दूसरे नवरात्रि Navratri के दिन माता ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाकर घर के सभी सदस्य इसका प्रसाद ग्रहण करें, इससे माता के भक्तों की आयु में वृद्धि एवं परिवार के सभी सदस्यों की आकाल मृत्यु से भी रक्षा होती है ।

तीसरे नवरात्रि Navratri के दिन माता चंद्रघंटा को मिश्री, खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर इसका प्रसाद वितरित करें, इससे माता के भक्तों के सभी दुख और भय दूर हो जाते है ।

चौथी नवरात्रि Navratri के दिन मां दुर्गा के माता कुष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद वितरित करें। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है ,ज्ञान , बुद्धि और कौशल का विकास होता है।

पांचवें नवरात्रि Navratri के दिन मां स्कंदमाता को केले का प्रसाद चढ़ाने से माता के भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है, उन्हें परम आनंद की प्राप्ति होती है ।

छठे नवरात्रि Navratri के दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाकर इनकी पूजा-अर्चना करें। मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाकर उनकी सच्चे हर्दय से पूजा करने से साधक के अन्दर अद्भुत शक्ति एवं आकर्षण शक्ति का संचार होता है, पारिवारिक जीवन सुखमय होता है । उसकी समाज में सर्वत्र सराहना होती है और सम्मान मिलता है ।

सातवें नवरात्रि Navratri पर मां कालरात्रि को गुड़ का भोग चढ़ाने व उसे योग्य ब्राह्मणों को दान करने से शोक एवं सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भक्तों की सभी प्रकार के संकटों से भी रक्षा होती है।

आठवें नवरात्रि Navratri को माता महागौरी को हलवे और नारियल का भोग लगाएं व नारियल का दान करें । इससे धन, वैभव की प्राप्ति होती है और संतान का उत्तम सुख प्राप्त होता है ।

नवें नवरात्रि Navratri के दिन माता सिद्धिदात्री को खीर का भोग लगाकर काले तिल का दान दें। इससे माता के भक्तों के समस्त शत्रुओं का दमन होता है और अकाल मृत्यु की भय से भी छुटकारा मिलता है ।