- सावन मास ( savan mas ) भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है भगवान शिव भक्तो द्वारा इस माह किये गए ब्रत, पूजा, अभिषेक आदि से अति प्रसन्न होते है। सावन माह ( savan mah ) को हर्ष उल्लास का महीना कहा गया है और शिव भक्तो के लिए यह माह और भी विशेष होता है।
- सावन ( savan ) के महीने में दसो दिशाएं हर-हर बम-बम , हर हर महादेव के जयकारे से गूँजने लगती है , प्रत्येक भक्त देवताओं में सबसे भोले भगवान भोलेनाथ को मनाकर, उन्हें प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त करना चाहता है।
- इस वर्ष 2021 में 25 जुलाई से शुभ सावन माह का आरंभ हो रहा है और पहला सावन सोमवार 26 जुलाई को है तत्पश्चात कि इस बार सावन के 4 सोमवार होंगे।
- ज्योतिषियों के अनुसार इस संयोग में भक्तों को भगवान शिवजी की पूजा, अर्चना, अभिषेक करने से परम सुखो की प्राप्ति होगी।
- सावन के महीने में अधिकांश जातक मांसाहार को बिलकुल त्याग देते है, इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है , सावन के महीने में कीट पतंगें बहुत ज्यादा सक्रीय हो जाते है जिससे पशुओं में विशेष रूप से संक्रमण फैलता है और सावन का महीना प्रेम और प्रजनन का माह माना जाता है तथा इस समय पशु पक्षी, मछलियाँ प्रजनन के कारण अण्डे / बच्चे देते है जिसके कारण भी माँसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बहुत से शिव भक्त पूरे माह में अपने बाल और दाढ़ी भी नहीं कटवाते है ।
- शास्त्रों के अनुसार वर्षा ऋतू के चार माह में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते है और पूरी सृष्टि भगवान शिव के अधीन हो जाती है अत: इस लिए भी इस माह में सभी मनुष्य और देवी देवता भगवानशिव को प्रसन्न करने के लिए उनका अभिषेक, ब्रत, धार्मिक कार्य , दान पुण्य आदि करते है ।
- सावन माह उत्साह, उमंगो का माह है इस माह में सभी ओर हरियाली नज़र आती है , इस माह बहुत से पर्व जैसे हरियाली तीज, नागपंचमी , कजरी तीज, रक्षाबन्धन आदि त्यौहार मनाया जाता है , बहुत से स्थानों पर सावन माह में विशेष मेलो का भी आयोजन किया जाता है ।
- उत्तर भारत में विशेषकर सावन का महीना लड़कियों और महिलाओं के बीच में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसमें लड़कियों को उनके माता पिता नए कपडे़ और गहंने उपहार में देते हैं।
- विवाहित महिलाओं को उनके मायके तथा ससुरालपक्ष की ओर से उपहार दिये जाते हैं । कन्यायें / महिलाएँ इस माह में नयी चूड़ियाँ धारण करती है हाथो में मेहंदी भी अवश्य लगाती है ।
- सावन माह में सोमवार के ब्रत का अत्यधिक महत्व है । मान्यता है की सावन के प्रत्येक सोमवार को ब्रत रखने भगवान भोलेशकर का विधि पूर्वक अभिषेक करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते है जातक की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है ।
- सावन माह में कांवड़ यात्रा का भी बहुत महत्व है । इसमें लोग भगवा वस्त्र पहनकर, मटकी में पवित्र नदियों का जल भरकर,उसे बाँस की कांवड़ में बांधकर, पैदल चल कर सिद्द शिवलिंग पर चढ़ाते है और अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करते है और मनोकामना पूर्ण होने पर फिर से यह क्रम दोहराते है । बहुत बड़ी संख्या में लोग निरन्तर हर साल इस कांवड़ में भाग लेते है ।