पथरी के देसी नुस्खे
Pathri ka desi nuskhe
वर्तमान समय में पथरी की समस्या ( pathri Ki Samasya ) बहुत ही विकराल होती जा रही है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषो में पथरी ( pathri ) की परेशानी ज्यादा होती है ।
आयुर्वेद में किडनी में स्टोन ( Kidney me Stone ) के इलाज में कुलथी को बहुत लाभदायक माना गया है। गुर्दे की पथरी ( gurde ki pathri ) और गॉल ब्लैडर की पथरी ( Gall bladder ki pathri ) पित्ताशय की पथरी ( Pittashay ki pathri ) लिए कुल्थी अत्यंत फायदेमंद औषधि है।
जानिए, पथरी की दवा Pathri Ki Dava, पथरी के देसी नुस्खे, Pathri ka desi nuskhe, गॉल ब्लैडर स्टोन ( Gall bladder stone )
कुलथी उड़द के समान होती है। यह देखने में लाल रंग की होती है, इसका सूप या इसकी दाल बना कर पथरी के रोगी को दी जाती है। कुल्थी में पथरी एवं शर्करानाशक गुण होते है। कुल्थी ना केवल वात एवं कफ का शमन करती है वरन उनको शरीर में संचय भी नहीं होने देती है। कुल्थी के नित्य सेवन से पथरी गल कर निकल जाती है ।
आयुर्वेद में कुल्थी को पथरीनाशक बताया गया है। कुलथी में विटामिन ए होता है, यह शरीर में विटामिन ए की पूर्ति करके पथरी को रोकने में मदद करती है । और यह पथरी बनने की कारण को भी समाप्त करती है, जिससे पथरी दोबारा नहीं बनती है। कुल्थी के सेवन से पथरी छोटे छोटे टुकड़ो में टूट जाती है , कुल्थी मूत्र की मात्रा और वेग बढ़ाती है जिससे पथरी पेशाब के द्वारा शरीर से आसानी से बाहर चली जाती है । इसके सेवन से मोटापा भी दूर होता है।
पथरी, Pathri ( Stone,Kidney stone,Stone Treatment )
पथरी के उपाय, Pathri ke upay
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पथरी के अचूक इलाज, pathri ke achuk ilaj,
250 ग्राम कुल्थी को अच्छी तरह से साफ कर लें, इसमें किसी भी तरह का कंकड़-पत्थर निकाल लें। फिर इसे रात में लगभग तीन लीटर पानी में भिगो कर ढक कर रख दें। प्रात: भीगी हुई कुल्थी को उसी पानी में धीमी आग पर चार घंटे तक पकाते रहे। फिर जब यह तीन लीटर की जगह एक लीटर पानी ही रह जाए तब इसे पकाना बंद कर दें। इसके पश्चात चालीस -पचास ग्राम देशी घी में सेंधा नमक, काली मिर्च, हल्दी, जीरा आदि डाल कर इसका छौंक लगाए। अब पथरी की रामबाण दवा तैयार है।
आप इस सूप को दिन में दोपहर के भोजन के स्थान पर पी जाएं ( इसका सूप काले चनों के सूप की तरह ही लगता है।) या कम से कम 250 ग्राम पानी अवश्य पिएं। अगर 250 ग्राम पियें तो इसे दिन में दो बार पियें ।
इसके नियमित सेवन से दो सप्ताह में ही बिना ऑपरेशन के गुर्दे तथा मूत्राशय की पथरी गल कर बाहर निकल जाती है, और दोबारा कभी नहीं बनती है।
यदि दोपहर का भोजन आवश्यक लगे तो इस सूप के साथ एक रोटी लें , या मुंग की दाल के साथ इस सूप के एक घंटे बाद खाना खा सकते है।
कुल्थी की दाल को अन्य दालो की तरह ही पका कर प्रतिदिन रोटी के साथ खाने से भी पेशाब के रास्ते से पथरी टूट कर निकल जाती है।