गठिया
Gathiya
आज कल हमारी दिनचर्या हमारे खान -पान से गठिया का रोग ( gathiya ka rog ) 45 -50 वर्ष के बाद बहुत से लोगो में पाया जा रहा है । गठिया में हमारे शरीर के जोडों में दर्द ( Jodo me dard ) होता है, गठिया के पीछे यूरिक एसीड ( Urik Acid ) की बड़ी भूमिका रहती है। इसमें हमारे शरीर मे यूरिक एसीड की मात्रा बढ जाती है। यूरिक एसीड के कण घुटनों व अन्य जोडों में जमा हो जाते हैं। जोडों में दर्द ( jodo me dard ) से रोगी का बुरा हाल रहता है।
इस रोग में रात को जोडों का दर्द ( jodo ka dard ) बढता है और सुबह अकडन मेहसूस होती है। इसकी पहचान होने पर इसका जल्दी ही इलाज करना चाहिए अन्यथा जोडों को बड़ा नुकसान हो सकता है।हम यहाँ पर गठिया के अचूक घरेलू उपाय ( jodo ke achuk gharelu upay ) बता रहे है…….
गठिया के घरेलू उपचार
Gathiya ke gharelu upchar
घुटने का दर्द, कंधे का दर्द हो या कमर दर्द हो किसी भी तरह के दर्द में गेंहू के दाने के बराबर चूने को अनार के रस या पानी में मिलाकर दिन में दो बार पी लीजिए।
इसमें सभी तरह के जोड़ो के दर्द में 7 दिन में ही आराम मिलने लगता है, ( जिनको पथरी की शिकायत हो वह इस उपाय को ना करें ) ।
जोड़ों के दर्द में अपने पेट की नाभि पर रात्रि में सरसों के तेल की कुछ बूंदें लगाएँ,
ऐसा 10-12 दिन करने से ही आशातीत लाभ प्राप्त होता है, लम्बी उम्र तक घुटने, शरीर के जोड़ स्वस्थ रहते है, गठिया नजदीक भी नहीं आता है, इस उपाय को सप्ताह में 2-3 बार अवश्य ही करे ।
गठिया, जोड़ो के दर्द में एक चम्मच सिरका, आधा चम्मच कलोंजी के तेल में दो चम्मच शहद मिलाकर नित्य प्रात: खाली पेट और रात को सोने से पहले सेवन करें इससे जोड़ मजबूत होते है , जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है ।
गठिया के दर्द ( gathiya ke dard ) में दो बडे चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर सुबह और शाम एक गिलास मामूली गर्म जल से लें। एक शोध में कहा है कि चिकित्सकों ने नाश्ते से पूर्व एक बडा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पावडर का मिश्रण गरम पानी के साथ दिया।
इस प्रयोग से केवल एक हफ़्ते में ३० प्रतिशत रोगी गठिया के दर्द से मुक्त हो गये।
एक महीने के प्रयोग से जो रोगी गठिया की वजह से चलने फ़िरने में असमर्थ हो गये थे वे भी चलने फ़िरने लायक हो गये।
गठिया ( gathiya ) में लहसुन की 10 कलियों को 100 ग्राम पानी एवं 100 ग्राम दूध में मिलाकर पकाकर उसे पीने से दर्द में शीघ्र ही लाभ होता है।
सुबह के समय सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करने से भी जोड़ों के दर्द से स्थाई रूप से छुटकारा मिलता है।
एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में गलने दें। सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं।मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है। यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है।
गठिया के रोगी 4-6 लीटर पानी पीने की आदत डालें। इससे ज्यादा पेशाब होगा और अधिक से अधिक विजातीय पदार्थ और यूरिक एसीड बाहर निकलते रहेंगे।
एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की 3-4 कुली पीसकर डाल दें, इसे इतना गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए, फिर इसे आच से उतारकर मामूली गरम हालत में इससे जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है।
प्रतिदिन नारियल की गिरी के सेवन से भी जोड़ो को ताकत मिलती है।
आलू का रस 100 ग्राम प्रतिदिन भोजन के पूर्व लेना बहुत हितकर है।
यदि यूरिक एसिड बड़ा है तो एक आजमाया हुआ चमत्कारी उपाय करें | किसी आयुर्वेदिक स्टोर या पंसारी की दुकान से )चोबचीनी का चूर्ण ले आएं फिर इसे आधा चम्मच सुबह खाली पेट और आधा चम्मच रात को सोने के समय पानी से 7-8 दिन तक ले | इस लेने से 7-8 दिन में ही यूरिक एसिड पूरी तरह से ठीक हो जाता है। गठिया, किसी भी जोड़ो के दर्द में बहुत अधिक आराम मिलता है |
जिन्हे गठिया की निरंतर समस्या चली आ रही हो वह इस प्रयोग को तीन चार महीने तक हर माह दोहराते रहे। इसके बाद यूरिक एसिड की, गठिया की समस्या कभी पास भी नहीं आएगी।
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