Tuesday, March 19, 2024
HomeHindiपर्व त्योहारतुलसी विवाह, Tulsi Vivah, Tulsi Vivah 2023,

तुलसी विवाह, Tulsi Vivah, Tulsi Vivah 2023,

तुलसी विवाह, Tulsi Vivah, तुलसी विवाह 2023,

हिन्दू धर्म शास्त्रो में तुलसी विवाह, Tulsi Vivah को बहुत प्रमुख स्थान दिया गया है। शास्त्रो में तुलसी जी को “विष्णु प्रिया” कहा गया है। विष्णु जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग अनिवार्य है। भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित किये बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। हिन्दू धर्म में दोनों को पति-पत्नी के रूप में माना गया है।

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को ( बहुत से लोग देव प्रबोधिनी एकादशी को ) तुलसी विवाह Tulsi vivah, भगवान श्री विष्णु जी और तुलसी जी का विवाह कराया जाता है।

शास्त्रो के अनुसार तुलसी विवाह Tulsi Vivah में तुलसी के पौधे और भगवान श्री विष्णु जी की मूर्ति अथवा शालिग्राम पत्थर का वैदिक रीति से, पूर्ण विधि विधान से विवाह कराने से अतुलनीय पुण्य प्राप्त होता है।

 इस दिन जागेंगे भगवान श्री हरि, होने लगेंगे सभी शुभ कार्य, जानिए क्यों अति शुभ है देव प्रबोधिनी एकादशी


तुलसी हर घर में होती है, तुलसी की सेवा, पूजा करना महान पुण्यदायक माना जाता है। शास्त्रो के अनुसार हर जातक को जीवन में एक बार तुलसी विवाह Tulsi Vivah तो अवश्य ही करना चाहिए। इससे इस तुलसी जी Tulsi Ji का विवाह भगवान विष्णु जी के प्रतीक शालिग्राम जी से किया जाता है।

तुलसा जी व शालिग्राम जी का विवाह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को किया जाता है। वर्ष 2023 में कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 24 नवंबर को है।

देवोत्थान एकादशी Devutthana Ekadashi के दिन ही भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर से जागते है और इसी दिन से समस्त मांगलिक कार्य प्रारम्भ हो जाते है।

शालिग्राम को भगवान विष्णु का ही अवतार माना गया हैं। शालिग्राम नेपाल में गंडकी नदी के तल में पाए जाने वाले चिकने, अंडाकार, काले रंग के पत्थर को कहते हैं।

स्वयंभू अर्थात स्वयं प्रकट होने के कारण शालिग्राम जी की प्राण प्रतिष्ठा की कोई आवश्यकता नहीं होती है, इसे घर पर लाकर सीधे ही पूजा जा सकता हैं।

शास्त्रों के अनुसार, एक बार तुलसी मां ने भगवान श्री विष्णु को श्राप से पत्थर बना दिया था, तुसली जी के इस श्राप से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु ने शालिग्राम का अवतार लेकर तुलसी जी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी / द्वादशी तिथि को विवाह किया था ।

अवश्य पढ़ें :-  हर संकट को दूर करने, सर्वत्र सफलता के लिए नित्य जपें हनुमान जी के 12 चमत्कारी नाम

इस दिन तुलसी के पौधे के चारो ओर मंडप बनाकर उसे केले के पत्तो, फूलों से सजाया जाता है, तुलसी जी के पौधे पर लाल चुनरी, वस्त्र, श्रृंगार की समस्त सामग्री अर्पित की जाती है।

इसके पश्चात भगवान शालिग्राम जी की मूर्ति का सिंहासन हाथ में लेकर पत्नी के साथ तुलसीजी की सात परिक्रमा की जाती है।

फिर आरती के बाद विवाह में गाए जाने वाले मंगलगीत के साथ इस पुण्य दायक विवाहोत्सव को पूर्ण किया जाता है।

तुलसी विवाह से लाभ, Tulsi Vivah Se Labh

देवोत्थान एकदशी Devutthana Ekadashi के दिन तुलसी विवाह ( Tulsi vivah ) कराने अथवा तुलसी जी की पूर्ण श्रद्धा से पूजा आने से परिवार में यदि किसी की शादी में विलम्ब होता है तो वह समाप्त होता है विवाह योग्य जातक का शीघ्र एवं उत्तम विवाह होता है ।

भगवान् शालिग्राम का पूजन तुलसी जी के बिना पूर्ण नहीं माना जाता है । शालिग्राम पर तुलसी जी को अर्पित करने पर भगवान श्री विष्णु जी तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं।

शास्त्रों के अनुसार श्री शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह करने से सारे कष्ट, कलह, दुःख, समस्त पाप और रोगो का निवारण हो जाता हैं।

तुलसी विवाह ( Tulsi vivah ) / तुलसी पूजा से जातक को वियोग नहीं होता है, बिछुड़े / नाराज सगे संबंधी भी करीब आ जाते हैं।

जिन जातको की कन्या नहीं है उन्हें विधिपूर्वक तुलसी विवाह ( Tulsi vivah ) / तुलसी पूजा अवश्य ही करनी चाहिए इससे उन्हें कन्यादान का पूर्ण फल प्राप्त होता है ।

देवोत्थान एकादशी Devutthana Ekadashi के दिन तुलसी विवाह / तुलसी पूजा से जातक को इस पृथ्वी में सभी सुख प्राप्त होते है , उसके जीवन में कोई भी संकट नहीं आता है, उसे भगवान श्री विष्णु एवं तुलसी माँ की पूर्ण कृपा मिलती है।

Published By : Memory Museum
Updated On : 2023-11-20 06:38:00 PM

कुंडली एवं हस्त रेखा विशेषज्ञ
पंडित ज्ञानेंद्र त्रिपाठी

दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो , आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।

Pandit Ji
Pandit Jihttps://www.memorymuseum.net
MemoryMuseum is one of the oldest and trusted sources to get devotional information in India. You can also find various tools to stay connected with Indian culture and traditions like Ram Shalaka, Panchang, Swapnphal, and Ayurveda.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Translate »