Thursday, December 18, 2025
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सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 15 दिसंबर 2025 का पंचांग,

आप सभी को सफला एकादशी ब्रत की हार्दिक शुभकामनायें

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 15 दिसंबर 2025 का पंचांग, 15 December 2025 ka Panchang,

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आप सभी पर ईश्वर की सदैव असीम कृपा रहे । धन्यवाद
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Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2025, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

15 दिसंबर 2025 का पंचांग, 15 December 2025 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्रॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

घर पर कैसा भी हो वास्तु दोष अवश्य करें ये उपाय, जानिए वास्तु दोष निवारण के अचूक उपाय

*विक्रम संवत् 2082,
* शक संवत – 1947,
*कलि संवत 5127
*कलयुग 5127 वर्ष
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – पौष माह,
* पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर,

सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-

प्रात: 7.02 AM से 7.51 AM तक

दोपहर 01.03 PM से 1.57 PM तक

रात्रि 7.41 PM से 8.49 PM तक

सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

चन्द्रमा के मन्त्र

ॐ सों सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

  • तिथि (Tithi) – एकादशी तिथि 21.19 PM तक तत्पश्चात द्वादशी
  • तिथि का स्वामी – एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी और द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री विष्णु जी है ।
     
  • आज अति शुभ सफला एकादशी है । सफला एकादशी का व्रत पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता है ।
  • मान्यता है कि इस एकादशी का ब्रत करने, इस दिन भगवान श्री विष्णु जी और देवी लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन के सभी कार्यों में निश्चय ही श्रेष्ठ सफलता मिलती है, परिवार में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है ।
  • शास्त्रों के अनुसार एकादशी तिथि भगवान श्री विष्णु जी को अति प्रिय है । एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी / श्री कृष्ण जी की आराधना की जाती है।
  • शास्त्रों के अनुसार एकादशी का ब्रत रखने वाला जातक भगवान विष्णु जी को बहुत प्रिय होता है ।
  • एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी के मन्त्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” अथवा ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए ।
  • एकादशी के दिन विष्णु जी की तुलसी जी अर्पित करके पूजा करनी चाहिए, लेकिन इस दिन तुलसी जी को तोड़ना नहीं चाहिए वरन एक दिन पूर्व दशमी तिथि को ही तोड़ना चाहिए ।
  • एकादशी के दिन जल में आँवले का चूर्ण या आँवले का रस डाल कर स्नान करने से समस्त पापो का नाश होता है।
  • एकादशी के दिन रात्रि में भगवान विष्णु के सामने नौ बत्तियों का दीपक जलाएं और एक दीपक ऐसा जलाएं जो रात भर जलता रहे।
  • एकादशी के दिन चावल और दूसरे का अन्न खाना मना है । एकादशी के दिन चावल खाने से रोग और पाप बढ़ते है, एकादशी के दिन दूसरे का अन्न खाने से समस्त पुण्यों का नाश हो जाता है ।


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नक्षत्र (Nakshatra) – चित्रा 11.08 AM तक तत्पश्चात स्वाति

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-    चित्रा नक्षत्र के देवता विश्‍वकर्मा जी एवं चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल देव जी है ।  

चित्रा नक्षत्र नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 14 वां है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चित्रा नक्षत्र का शासक ग्रह चंद्र देव जी है।  

यह एक मोती या उज्ज्वल गहने की तरह है जो चमकते प्रकाश सा हमारे भीतर की आत्मा का प्रतीक है।  27 नक्षत्रों में चित्रा नक्षत्र सबसे ज्यादा चमकने वाला नक्षत्र भी बताया जाता है ।

चित्रा नक्षत्र कलात्मकता, रचनात्मकता का प्रतीक है, इसीलिए इस नक्षत्र के लोग अपने क्षेत्र में बहुत ही प्रवीण होते है वह साधारण चीज़ को भी और भी अधिक खूबसूरत, विशेष बनाते है,  उसके मूल्य को बढ़ा देते हैं।

चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुष बहुत मेहनती होते हैं। इसके बावजूद सफलता प्राप्त करने में इन्हें 32 साल की उम्र तक संघर्ष करना पड़ता है।

इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : बेल तथा स्वाभाव तीक्ष्ण माना गया है। चित्रा नक्षत्र स्टार का लिंग मादा है।

चित्रा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 5, 6 और 9,  भाग्यशाली रंग, काला,  भाग्यशाली दिन रविवार और बुधवार माना जाता है ।

चित्रा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ चित्रायै नमः”l। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

  अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 

  • योग (Yog) – शोभन 12.30 PM तक तत्पश्चात अतिगण्ड
  • योग के स्वामी :-  शोभन योग के स्वामी बृहस्पति देव एवं स्वभाव श्रेष्ठ है   ।
  • प्रथम करण : – बव 08.03 AM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-           बव करण के स्वामी इंद्र देव और स्वभाव सौम्य है ।

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  • द्वितीय करण : – बालव 21.19 PM तक तत्पश्चात कौलव
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है ।
  • ब्रह्म मुहूर्त : 5.17 AM से 6.12 AM तक
  • विजय मुहूर्त : 02.00 PM से 14.41 PM तक
  • गोधूलि मुहूर्त : 17.24 PM से 17.51 PM तक
  • अमृत काल : 04.15 AM से 06.03 AM सोमवार 16 दिसंबर तक
  • विशेष – एकादशी के दिन सेम फली, चावल का सेवन और दूसरो के अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए  ।

     एकादशी के दिन चावल खाने से रोग बढ़ते है और दूसरे का अन्न खाने से पुण्य नष्ट होते है ।
     
  • पर्व त्यौहार- सफला एकादशी
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )


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Pandit Ji
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