माँ लक्ष्मी के 18 पुत्रो के नाम, ma lakshmi ke 18 putro ke nam,
माँ लक्ष्मी के 18 पुत्र, ma lakshmi ke 18 putr
हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास धन की कोई भी कमी ना हो, वह और उसका परिवार समस्त भौतिक सुविधाओं का लाभ उठा सके। इसके लिए सभी मनुष्य जीवन भर मेहनत करते है बहुत से लोगो को अपने कार्यो में सफलता मिलती है उनके पास पर्याप्त धन होता है, वह अपनी आवश्यताओं को आसानी से पूर्ण कर लेते है अपने सभी शौक को पूरा कर लेते है लेकिन अधिकांश लोग चाहकर भी अधिक धन प्राप्त Dhan Prapt करने में सफल नहीं हो पाते है । या उनकी कमाई तो होती है लेकिन धन रुक नहीं पाता है, खर्चे पहले से ही तैयार रहते है,
ज्योतिष शास्त्र में ऐसे लक्ष्मी प्राप्ति के अचूक टोटके Lakshmi Prapti Ke Achuk Totke बताये गए है जिन्हें करने से जातक को अपनी मेहनत, अपने प्रयास के उत्तम फल मिलने लगते है, उसे माँ लक्ष्मी Maa Lakshmi का आशीर्वाद मिलता है।
अवश्य जानिए माँ लक्ष्मी का प्राकट्य कैसे हुआ ? उनके माता – पिता, भाई – बहन, पति, संतान और उनकी प्रिय वस्तुओं के बारे में
भगवती लक्ष्मी के 18 पुत्र Lakshmi ke 18 Putra माने जाते हैं। अगर आपको अचानक पैसे रुपए की ज़रुरत पड़ जाए तो लक्ष्मी माता Lakshmi Mata को नहीं, बल्कि उनके पुत्रों को पुकारिये।
मान्यता है कि जब लक्ष्मी जी के पुत्रों का नाम लेंगे, तो मां दौड़ी चली आती है और जिस घर में नित्य माँ लक्ष्मी के 18 पुत्रो Ma Laxmi ke 18 Putr का नाम लिया जाता है माँ उस घर पर स्थाई रूप से निवास करती है, उस जातक उस घर के सदस्यों को कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
इनके प्रतिदिन अथवा शुक्रवार के दिन इनके नाम के आरंभ में ॐ और अंत में ‘नम:’ लगाकर जप करने से मनचाहे धन की प्राप्ति Dhan ki Prapti होती है। जैसे –
👉🏽ॐ देवसखाय नम:
👉🏽ॐ चिक्लीताय नम:
👉🏽ॐ आनंदाय नम:
👉🏽ॐ कर्दमाय नम:
👉🏽ॐ श्रीप्रदाय नम:
👉🏽ॐ जातवेदाय नम:
👉🏽ॐ अनुरागाय नम:
👉🏽ॐ संवादाय नम:
👉🏽ॐ विजयाय नम:
👉🏽ॐ वल्लभाय नम:
👉🏽ॐ मदाय नम:
👉🏽ॐ हर्षाय नम:
👉🏽ॐ बलाय नम:
👉🏽ॐ तेजसे नम:
👉🏽ॐ दमकाय नम:
👉🏽ॐ सलिलाय नम:
👉🏽ॐ गुग्गुलाय नम:
👉🏽ॐ कुरूंटकाय नम:
इस जाप को पूर्व या उत्तर दिशा की मुँह करके 11 बार अवश्य ही करना चाहिए। शुक्रवार के अतिरिक्त यदि माता के पुत्रो का नित्य नाम भी लिया जाय तो और भी उत्तम है।