Saturday, December 21, 2024
HomeHindiवास्तुशास्त्रदक्षिण दिशा का वास्तु | दक्षिणमुखी भवन का वास्तु

दक्षिण दिशा का वास्तु | दक्षिणमुखी भवन का वास्तु

भूखण्ड का वास्तु
Bukhand Ka vastu

हर व्यक्ति चाहता है कि उसका घर वास्तु के अनुरूप हो ताकि घर में सर्वत्र सुख-समृद्घि बनी रहे। इसलिए हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर का मुख वास्तु के अनुसार शुभ दिशा पूर्व या उत्तर में हो।

पूर्व और उत्तर दिशाओं के बाद लोगों की तीसरी पसंद पश्चिम दिशा वाला घर होता है लेकिन चौथी दिशा दक्षिण दिशा वाले मकान को लेने से सभी लोग डरते हैं। इसी कारण से दक्षिणमुखी मकान और जमीन की कीमत सबसे कम रहती है । दक्षिण मुखी घर को लेकर ऐसी बातें प्रचलन में है कि ऐसे घर में रहने वाले व्यक्ति को हमेशा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे घर में रहने पर धन की हानि, बीमारी, कर्ज का सामना करना पड़ता है और किसी की अकाल मृत्यु भी हो सकती है। लेकिन यह सच नहीं है, सच तो यह है कि यदि दक्षिण दिशा वाला घर अगर वास्तु अनुकूल बना हो तो ऐसे घर में रहने वाले लोग भी बहुत ज्यादा मान-सम्मान और यश पाते हैं और जीवन में धन दौलत की कोई भी कमी नहीं रहती है । यहाँ पर हम आपको कुछ खास बातें बता रहे है जिसका पालन करते हुए कोई भी अपने दक्षिण मुख वाले मकान को अपने लिए भाग्यशाली बना सकता है ।

om घर का मुख्य द्वार दक्षिण में ही होना चाहिए। दक्षिण पूर्व अर्थात आग्नेय कोण एवं दक्षिण पश्चिम अर्थात नैत्रत्य कोण में मुख्य द्वार बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। आग्नेय कोण में द्वार होने से मकान में चोरी, अग्नि एवं अदालत से परेशानी होने का भय होता है और नैत्रत्य कोण में मुख्य द्वार होने से बीमारियाँ, शत्रु भय, आकस्मिक दुर्घटना और अकाल मृत्यु की सम्भावना रहती है ।

om अगर भवन का मुख्य द्वार आग्नेय कोण , नैत्रत्य कोण में हो तो एक अन्य द्वार दक्षिण दिशा में बनवाकर उसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें और आग्नेय कोण, नैत्रत्य कोण के द्वार को यथासंभव बंद ही रखे ।

om जहाँ तक संभव हो दक्षिण दिशा में चारदीवारी से सटा कर मकान का निर्माण करें लेकिन यदि दक्षिण दिशा में खुला स्थान छोड़ना ही हो तो उत्तर और पूर्व में ज्यादा खाली स्थान छोड़ना चाहिए ।
om दक्षिण दिशा के मकान में निर्माण कार्य दक्षिण दिशा से ही प्रारम्भ करना चाहिए ।

om दक्षिण दिशा के मकान में दक्षिण, पश्चिम दिशा उत्तर, पूर्व से ऊँची रहने पर वहां पर निवास करने वालो को धन, यश और निरोगिता की प्राप्ति होती है । अर्थात दक्षिण में बने कमरे उत्तर और पूर्व से ऊँचे होने चाहिए । लेकिन इसका उलटा होने पर अर्थात पूर्व और उत्तर के निर्माण के ऊँचे और दक्षिण और पश्चिम के निर्माण के नीचे होने पर धन, स्वास्थ्य की हानि होती है । संतान अस्वस्थ और मंदबुद्धि हो सकती है ।

om दक्षिण दिशा के मकान के सामने वाले भाग में कक्ष बनाकर वहां पर भारी और अनुपयोगी सामान रखना श्रेयकर होता है। लेकिन भवन के उत्तर, पूर्व में हलके सामान ही रखने चाहिए और ईशान का कमरा तो बिलकुल ही खाली रखना चाहिए । भवन में मंदिर ईशान के कमरे में ही बनाये ।

om किसी भी प्रकार के भूमिगत टैंक जैसे बोरिंग, कुंआ, इत्यादि केवल उत्तर दिशा, ईशान, व पूर्व दिशा में ही होना चाहिए । सैप्टिक टैंक भी उत्तर या पूर्व दिशा में ही बनाएं। इनका निर्माण कभी भी नैत्रत्य, दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए, अन्यथा वहाँ के निवासी सदैव गंभीर समस्याओं में ही उलझे रह सकते है ।

om इस तरह की मकान में जल की निकासी उत्तर अथवा ईशान में होनी चाहिए इससे घर में धन लाभ और वहाँ के निवासियों को आरोग्यता की प्राप्ति होती है यदि यह संभव ना हो तो उसे पूर्व की ओर करें जिससे घर में धन की कोई भी कमी नहीं रहती है ।

om भवन में साफ-सफाई के लिए ढाल उत्तर, पूर्व दिशा या ईशान कोण की ओर ही दें जिससे पानी इसी तरफ ही निकले ।

om ईशान कोण कटा हुआ, ऊंचा या गोलाकार नहीं होना चाहिए और नैऋत्य कोण भी किसी भी तरह से नीचा या आगे बढ़ा हुआ नही होना चाहिए।

om अगर घर के दक्षिण दिशा में पोर्टिको है और वहाँ पर स्तम्भो का प्रयोग किया गया है तो वहां पर स्तम्भ ऊँचे बनवाने चाहिए और पोर्टिको का फर्श भी भवन से ऊँचा रखे और उसका ढाल उत्तर या ईशान में रखे ।

इस तरह से दक्षिण दिशा वाले घर के निर्माण में वास्तु के इन नियमों का पालन करके ऐसे घर को भाग्यशाली बनाया जा सकता है। Published By : Memory Museum
Updated On : 2020-11-24 06:00:55 PM

Pandit Ji
Pandit Jihttps://www.memorymuseum.net
MemoryMuseum is one of the oldest and trusted sources to get devotional information in India. You can also find various tools to stay connected with Indian culture and traditions like Ram Shalaka, Panchang, Swapnphal, and Ayurveda.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Translate »