माइग्रेन, आधा सिरदर्द
Migraine , Adha sirdard
माइग्रेन Migraine एक सिरदर्द का रोग है। इसमें सिर के आधे भाग में भीषण दर्द होता है। मान्यता अनुसार इसका कोई इलाज नहीं है, किंतु इससे असरदार तरीके से निपटा जा सकता है। इस रोग में कभी कभी सिर के एक हिस्से में बुरी तरह धुन देने वाले मुक्कों का एहसास होता है और लगता है कि सिर अभी फट जाएगा। उस समय अत्यंत साधारण काम करना भी मुश्किल हो जाता है। यह एहसास होता है कि किसी अंधेरी कोठरी में पड़े हैं। चिकित्सकीय निगरानी में रहकर और जीवन-शैली में बदलाव करके इस रोग से निपटा जा सकता है।
एक अध्ययन के अनुसार माइग्रेन Migraine पुरुषों की तुलना में महिलाओं को तीन गुना अधिक प्रभावित करता है। अधिकांश लोगों को माइग्रेन का पता तब चलता है, जब वे कई साल तक इस तकलीफ को झेलने के बाद इसके लक्षणों से परिचित हो जाते हैं।
कई बार यह दर्द साइनोसाइटिस का भी हो सकता है। किसी कठोर चीज से सिर के एक हिस्से में जोर-जोर से वार करने का एहसास होता है, खून की धमनियां फूलने लगती हैं, या उनमें जलन होने लगती है।
जबकि अन्य प्रकार के सिरदर्द sir dard में आमतौर पर दर्द सिकुड़ी हुई धमनियों या सिर और गर्दन की मांसपेशियों के सख्त हो जाने के कारण होता है। विख्यात न्यूरोलॉजिस्ट कहते है कि माइग्रेन का दर्द बहुत जबर्दस्त होता है।
इसमें रोजमर्रा के आम काम भी नहीं कर पाते। यहां तक कि चलना फिरना भी दूभर हो जाता है और लगता है कि शरीर टूट चुका है।
माइग्रेन Migraine के साथ अक्सर जी मिचलाता है और उल्टी भी हो जाती है। माइग्रेन का अटैक होने पर मरीज को रोशनी, आवाज या किसी तरह की गंध नहीं सुहाती। माइग्रेन का हमला अचानक होता है। कई बार यह शुरू में हल्का होता है, लेकिन धीरे-धीरे बहुत तेज दर्द में बदल जाता है।
अधिकतर यह सिरदर्द के साथ शुरू होता है और कनपटी में बहुत तीव्रता से टीस उठती है या ऐसा लगता है कि कोई कनपटी पर प्रहार कर रहा है। प्रायः यह दर्द आधे सिर में होता है, लेकिन एक तिहाई मामलों में दर्द सिर के दोनों ओर भी होता पाया गया है।
एक तरफ होने वाला दर्द अपनी जगह बदलता है और यह ४ से ४८ घंटों तक रह सकता है।माइग्रेन का दर्द प्रायः पर सिर के एक सिरे से, या कभी-कभी बीचों-बीच से या पीछे की तरफ से उठता है। कभी यह रह-रहकर कई हफ्तों या महीनों तक, या फिर सालों तक खास अंतराल में उठता है।
कई बार एक ही समय में यह बार-बार हथौड़ों की बारिश का एहसास कराता है। इसकी अनुभूति कई बार वास्तविक दर्द से दस मिनट से लेकर आधे घंटे पहले ही शुरू हो जाती है। इस दौरान सिर में बिजली फट पड़ने, आंखों के आगे अंधेरा छा जाने, बदबू आने, सुन्न पड़ जाने या दिमाग में झन्नाहट का एहसास होता है। किसी-किसी मरीज को अजीब-अजीब सी छायाएं नजर आती हैं। किसी को चेहरे और हाथों में सुइयां या या पिनें चुभने का एहसास होता है।
इस समय उबकाई आना, उल्टी, फोनोफोबिया और प्रकाश से भय आदि समस्याएं भी पैदा हो सकती है। माइग्रेन का हमला किसी भी आयु में हो सकता है, माइग्रेन के ज्यादातर रोगी वे होते हैं, जिनके परिवार में ऐसा इतिहास रहा है। इसके कुल रोगियों में ७५ प्रतिशत महिलाएं होती हैं।
माइग्रेन Migraine के प्रमुख कारणों में तनाव होना, लगातार कई दिनों तक नींद पूरी न होना, हार्मोनल परिवर्तन, शारीरिक थकान, चमचमाती रोशनियां, कब्ज़, नशीली दवाओं व शराब का सेवन आते हैं।
कई मामलों में ऋतु परिवर्तन, चाय / कॉफी का अत्यधिक सेवन किसी प्रकार की गंध और सिगरेट का धुआं आदि कारण भी माइग्रेन की समस्या का कारण देखे गये हैं।
आजकल डिब्बाबंद पदार्थों और जंक फूड का काफी चलन है। इनमें मैदे का बड़ी मात्रा में प्रयोग होता है, यदि आपको माइग्रेन की शिकायत है तो आप इन पदार्थों का सेवन कतई न करें।
पनीर, चाकलेट, चीज, नूडल्स, पके केले और कुछ प्रकार के नट्स में ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।
माइग्रेन Migraine का निवारण योगासन द्वाआ सुलभ है। इसके लिए रात्रि को बिना तकिए के शवासन में सोएं। सुबह-शाम योगाभ्यास में ब्रह्म मुद्रा, कंध संचालन, मार्जरासन, शशकासन के पश्चात प्राणायाम करें। इसमें पीठ के बल लेटकर पैर मिलाकर रखें। श्वास धीरे-धीरे अंदर भरें, तब तक दोनों हाथ बिना मोड़े सिर की तरफ जमीन पर ले जाकर रखें और श्वास बाहर निकालते वक्त धीरे-धीरे दोनों हाथ बिना कोहनियों के मोड़ें व वापस यथास्थिति में रखें। ऐसा प्रतिदिन दस बार करें। अंत में कुछ देर शवासन करके नाड़िशोधन प्राणायाम दस-दस बार एक-एक स्वर में करें।
इस दर्द में यदि सिर, गर्दन और कंधों की मालिश की जाए तो यह इस दर्द से आराम दिलाने बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है। इसके लिए हल्की खुश्बू वाले अरोमा तेल का प्रयोग किया जा सकता है।पुदीना, नीलगिरी के कुछ आम इत्र माइग्रेन के केस में कारगर साबित हो सकते हैं।
रोगी साँस की गति को थोड़ा धीमा करके, लंबी साँसे लेने की कोशिश करें। यह तरीका दर्द के साथ होने वाली बेचैनी से राहत दिलाने में सहायता करेगा।
एक तौलिये को गर्म पानी में डुबाकर, उस गर्म तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश करें। कुछ लोगों को ठंडे पानी से की गई इसी तरह की मालिश से भी आराम मिलता है। इसके लिए बर्फ के टुकड़ों का उपयोग भी कर सकते हैं।
अरोमा थेरेपी माइग्रेन के दर्द से काफ़ी आराम पहुंचाता है। इस तरीके में हर्बल तेलों के एक तकनीक के माध्यम से हवा में फैला दिया जाता है या फिर इसको भाप के द्वारा चेहरे पर डाला जाता है। इसके साथ हल्का संगीतक भी चलाया जाता है जो दिमाग को आराम पहुँचाता है।
माइग्रेन का सिरदर्द Migraine ka sirdard कम करने के लिए एक सबसे सरल उपचार है अपने सिर पर आइस पैक रखें। आइस पैक मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है और दर्द को कम कर देता है। प्रभावित क्षेत्र, कनपटी और गर्दन पर प्रभावी राहत के लिए आइस पैक को धीरे-धीरे रगड़ें।
मैगनीशियम ( बादाम )अक्सर माइग्रेन के मरीजों के लिए रामबाण माना जाता है। मैग्नीशियम प्रभावी ढंग से विभिन्न माइग्रेन सक्रियताओं का मुकाबला कर सकता है क्योंकि यह रक्त शर्करा और रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करता है। अपने आहार में 500 मिलीग्राम मैग्नीशियम की खुराक आपको माइग्रेन के दौरों का प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद कर सकती है।
माइग्रेन से आराम Migraine se aram के लिए आप ठंडे पानी में अपने पैर रख दें और अपने सिर के पीछे गरम पानी की बोतल रख सकते हैं।
माइग्रेन Migraine होने पर आप बिस्तर पर लेटकर दर्द वाले हिस्से को बेड के नीचे लटका दीजिए। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उस तरफ वाले नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल दीजिए, उसके बाद जोर से सांसों को ऊपर की तरफ खींचिए इससे सिरदर्द से राहत मिलेगी।
माइग्रेन होने पर दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर माथे पर पतला लेप कर लगा लीजिए। लेप सूख जाने पर उसे हटा लीजिए। 3-4 लेप लगाने पर सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।
मुलहठी को कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण को नाक के पास ले जाकर सूंघने से सिरदर्द या माइग्रेन में राहत मिलती है।
माइग्रेन में दर्द Migraine me dard होने पर कपूर को घी में मिलाकर सिर पर हल्के हाथों से मालिश कुछ देर तक मालिश कीजिए।
बटर में मिश्री को मिलाकर चबा चबा करखाने से भी माइग्रेन में राहत मिलती है।
नींबू के छिलके को पीसकर, इसका लेप माथे पर लगाने से भी माइग्रेन ठीक होता है।
माइग्रेन में सिर दर्द Migraine me sirdard होने पर धीमी आवाज में संगीत सुनना बहुत फायदेमंद होता है। दर्द से राहत पाने के लिए बंद कमरे में हल्की आवाज में अपने पसंदीदा गानों को सुनिए, सिरदर्द कम होगा और रोगी को राहत भी मिलेगी।
नियम से सुबह खाली पेट महीन महीन काट कर सेब खाने से भी माइग्रेन में शीघ्र ही लाभ मिलता है ।
चौथाई चम्मच तुलसी के चूर्ण को शहद के साथ सुबह शाम चाटने से भी माइग्रेन में लाभ मिलता है ।
बीस ग्राम सौंठ के चूर्ण को 100 ग्राम गुड के साथ मिलाकर उसकी छोटी छोटी गोलियॉं बना लें । 4-5 गोलियाँ सुबह शाम चूसने से भी माइग्रेन में लाभ मिलता है ।
माइग्रेन के रोगी को अधिक प्रोटीन चिकनाई युक्त भोजन से दूर रहना चाहिए । इन्हे फल,सब्जियाँ और अकुंरित अनाज नियमित रूप से ज्यादा ज्यादा सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता है ।
12 ग्राम गुड़ को 6 ग्राम देशी घी के साथ खाएं माइग्रेन से लाभ मिलता है ।
6-7 कालीमिर्च चबा चबा कर खाएं ऊपर से दो चम्मच देशी घी पीएं, माइग्रेन धीरे धीरे ठीक होता जाता है ।
गाजर और पालक का रस दोनों करीब 300 मि.ली. मात्रा में पीएं। यह इस रोग काफी गुणकारी है।
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