लू के घरेलु उपचार Loo ke Gharelu Upchar
भारत में गर्मियों में चलने वाली प्रचण्ड गर्म तथा शुष्क हवाओं को लू ( Loo ) या सन स्ट्रोक ( sun stroke) या हीट स्ट्रोक ( heat stroke ) कहतें हैं।
लू ज्यादातर मई तथा जून में चलती हैं। लू के समय भीषण गर्मी ( Bhishsn Garmi ) पड़ती है और तापमान 42 डिग्री से अधिक हो जाता है | कई जगह तो पारा 49=50 डिग्री तक चला जाता है।
लू ( loo) लगने का प्रमुख कारण हमारे शरीर में नमक और पानी की कमी का होना है।
नमक और पानी का बड़ा हिस्सा हमारे शरीर से पसीने के रूप में निकलकर खून की गर्मी को बढ़ा देता है और हम लू के शिकार ( Loo ke shikar ) हो जाते है ।
लू में बहुत गर्म हवाएं ( Garam Havayen ) चलती है, हमारे देश में विशेषकर उत्तर भारत में प्रति वर्ष हज़ारो लोग लू का शिकार ( Loo ka shikar ) बन के असमय ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते है ।
विशेषकर बच्चों, वृद्धों, या कमजोर व्यक्ति लू के जल्दी शिकार हो जाते है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित व्यक्ति भी लू की जल्दी गिरफ्त में आ जाते हैं।