ताम्बे के पात्र में जल पीने से लाभ
tambe ke patr me jal pine se labh
निरोगिता अर्थात स्वस्थ शरीर के लिए हमारे ऋषि मुनि प्राचीन काल से ही जल को ताम्बे के बर्तन tambe ke bartan में संग्रहित करते थे । उस समय में लोग पानी पीने के लिए ताम्बे के बर्तनो का ही प्रयोग करते थे,
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आयुर्वेद में कहा गया है कि ताम्बे के बर्तन में रखा गया पानी हमारे शरीर के कई विकारो को दूर करता है। आयुर्वेद के अनुसार इस पानी के सेवन से हमारे शरीर के सभी जहरीले तत्व मल मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते हैं। हमारे ऋषियों के अनुसार यदि हम रात को तांबे के बर्तन में पानी रख दें और सुबह इस पानी का सेवन करें तो इससे बहुत से लाभ मिलते हैं। रात को तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल ताम्रजल के नाम से जाना जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में संग्रहीत किया हुआ जल हमारे शरीर में तीन दोषों वात, कफ और पित्त को संतुलित करने में पूर्णतया सक्षम होता है तांबे के बर्तन tambe ke bartan में कम 8 घंटे तक रखा हुआ जल ही लाभदायक होता है, इस अवधि के दौरान तांबा धीरे धीरे जल में मिलकर उसे सकारात्मक गुण प्रदान करता है।
ताम्बे के पात्र Tambe ke patr में रखे जल की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि यह कभी भी बासी या बेस्वाद नहीं होता, यह लम्बे समय तक पीने के योग्य बना रहता है ।
यहाँ पर हम आपको तांबे के बर्तन tambe ke bartan में रखे पानी को पीने से होने वाले कुछ महत्वपूर्ण लाभ बता रहे है:–
पानी के बैक्टीरिया को दूर करता है :-
तांबे में ऐसा नैसर्गिक गुण है जिससे ताम्बे के बर्तन Tambe ke bartan में रखे पानी से बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता है। इसी कारण से तांबा डायरिया, दस्त , पेट की अन्य बिमारियों और पीलिया आदि को रोकने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वास्तव में तांबा पानी के शोधन के लिए सबसे सस्ता और उपयोगी साधन है। आयुर्वेद के अनुसार, ताम्बे में रखे जल के सेवन से हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थ बहार निकाल जाते है ।
पाचन क्रिया के लिए आदर्श :-
वैज्ञानिको ने अपने शोध में यह पाया है की ताम्बे के बर्तन Tambe ke bartan में 8 घंटे से ज्यादा रखे पानी के सेवन से हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है । वर्तमान समय में अनियमित और दूषित खानपान से बहुत से लोगो को एसीडिटी, बदहजमी, अपाच्य आदि की समस्या का सामना करना पड़ता है । लेकिन तांबे के बर्तन में रखे पानी के नियमित सेवन से इनसे छुटकारा मिल जाता है। शोधों से यह भी पता चला है कि तांबे में ऐसे तत्व विधमान होते हैं जो हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करके पेट की समस्त समस्याओं को दूर करते है ।
वजन घटाने में सहायक :-
ताम्बे के बर्तन Tambe ke bartan में रखा पानी वजन कम करने में बहुत असरदार माना जाता है ।यदि तमाम प्रयासों , रेशेदार फल, सब्जियाँ खाने के बाद भी अगर आपका वजन कम नहीं हो रहा है तो नियम पूर्वक तांबे के बर्तन में संग्रहीत पानी को पियें। इस पानी के नित्य सेवन से हमारे शरीर की चर्बी धीरे धीरे कम होती जाती है।
त्वचा स्वस्थ रखे:-
आजकल लोग अपनी त्वचा को खुबसूरत और स्वस्थ बनाये रखने के लिए तरह-तरह के सौन्दर्य प्रसाधनो का उपयोग करते हैं लेकिन त्वचा की खूबसूरती के लिए केवल यही काफी नहीं है, हमारी त्वचा पर सबसे अधिक प्रभाव हमारे खानपान और हमारी दिनचर्या का पड़ता है। इसीलिए अगर आप अपनी त्वचा को स्वस्थ और सुन्दर बनाना चाहते हैं तो आप नियमपूर्वक तांबे के बर्तन में रातभर का रखा हुआ 4 गिलास पानी सुबह के समय पीने की आदत डालें। इस पानी के नियमित रूप से सेवन से आपकी त्वचा का ढीलापन दूर होता है और डेड स्किन भी निकल जाती है, और त्वचा लम्बे समय तक जवान नज़र आती है। आयुर्वेद के अनुसार नित्य प्रात: तांबे के बर्तन में पानी पीने से त्वचा में बहुत फर्क आ जाता है।
झुर्रियों को दूर रखे:-
बदती उम्र के कारण चेहरे पर झुर्रियों आ जाती है जिसको दूर करने के लिए लोग तरह तरह के जतन करते है लेकिन ताम्बे के पात्र में संगृहीत किया हुआ पानी इसके लिए एक आदर्श प्राकृतिक उपचार माना गया है। ताम्बे में बहुत अधिक मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते है, और अपनी स्वाभाविक कोशिकाओं के निर्माण की क्षमता के कारण से तांबा फ्री रेडिकल्स को ख़त्म करता जाता है जो कि झुर्रियों के मुख्य कारण होते है। ताम्बे के पात्र में रखे पानी के नियमित सेवन से पुरानी कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाएं आ जाती है जिससे व्यक्ति की उम्र का पता ही नहीं चलता है, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है । ।
दिल की समस्याओं को दूर करें :-
वर्तमान समय में दिल से जुडी बीमारियां समाज में बहुत ही आम होती जा रही हैं। लेकिन ताम्बें के बर्तन Tambe ke bartan में रखे पानी का सेवन करने से दिल की बीमारीयों का खतरा कम हो जाता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी की एक रिपोर्ट के अनुसार ताम्बे में यह गुण होते है जिससे हमारा रक्तचाप और दिल की धड़कनों को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। तम्बा हमारे शरीर से बुरे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। इसलिए अगर कोई भी व्यक्ति दिल की बिमारियों से दूर रहना चाहता है तो उसे तांबे के बर्तन में रखा पानी ही पीना चाहिए ।
गठिया में लाभकारी :-
गठिया या जोड़ों में दर्द की समस्या वैसे तो एक उम्र के बाद अधिकांश लोगो को हो जाती है लेकिन वर्तमान समय में यह बहुत ही कम उम्र में भी लोगो को होने लगी है। लेकिन यदि आप नियमित रूप से ताम्बे के पात्र में रखे पानी का सेवन करते है तो यह समस्या आपसे लम्बे समय तक दूर ही रहेगी । जी हाँ चूँकि तांबे में एंटी-इफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो ना केवल दर्द से राहत देते है वरन इससे गठिया में भी विशेष रूप से लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में रखे जल का सेवन करने की वजह से शरीर में यूरिक एसिड कम हो जाता है जिससे गठिया व जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
थायराइड को नियंत्रित करे :-
थायराइड की बीमारी थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है। तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस होना आदि थायराइड के प्रमुख लक्षणों में हैं। कॉपर थायरॉयड ग्रंथि के बेहतर कार्य करने की जरूरत के लिए सबसे महत्वपूर्ण मिनरलों में से एक है। थायराइड विशेषज्ञों के अनुसार, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी में ताम्बे के सपर्क के कारण यह गुण आ जाते है कि इस पानी को पीने से शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन नियंत्रित होकर बेहतर कार्य करते हुए इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। दुसरे शब्दों में कॉपर की वजह से यह पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। इसीलिए तांबे के बर्तन में रखे पानी के सेवन से थायराइड नियंत्रित रहता है।
मस्तिष्क के लिए लाभकारी :-
ताम्बें के पात्र Tambe ke patr में रखे जल का नियमित रूप से सेवन करने से हमारे मस्तिष्क को बहुत ही लाभ मिलता है । हमारा मस्तिष्क एक तंत्रिका कोशिका के दूसरे तंत्रिका कोशिका तक संदेश पहुंचाने से ही काम कर पाता है। ये तंत्रिका कोशिकाएं एक मायलिन नाम के आवरण से ढंकी होती हैं, जो उनके संदेशो को पहुंचाने में सहायक होता है। तांबा इसी मायलिन आवरण के तैयार होने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है , जिससे मस्तिष्क स्वस्थ रहता है और हम चीजों को लम्बे समय तक याद रख पाते है ।
खून की कमी को दूर करें –
आज ना केवल भारत वरन विश्व की बहुत बड़ी आबादी एनीमिया या खून की कमी एक से परेशान हैं। विशेषकर महिलाओं में यह समस्या बहुत ही ज्यादा पाई जाती है । कॉपर हमारे शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं में बेहद आवश्यक है। कापर हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को भी अवशोषित करने का काम करता है। तांबे के इन्ही गुणों के कारण इसमें रखे पानी को पीने से एनीमिया अर्थात खून की कमी और खून के ने विकार दूर हो जाते हैं।
कैंसर को दूर करें :-
कैंसर के शिकार व्यक्ति को सदैव तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल का ही सेवन करना चाहिए। इससे कैंसर में बहुत लाभ मिलता है। ताम्बे के बर्तन में रखे जल में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को इस रोग से लड़ने की शक्ति देते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कॉपर बहुत से तरीको से कैंसर के मरीज की मदद करता है। कैंसर में ताम्बा बहुत ही लाभकारी होती है और तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल हमारी वात, पित्त और कफ की शिकायत को भी दूर करता है।
घाव भरने में मददगार :-
तांबा अपने एंटी-बैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इफ्लेमेटरी गुणों के लिए बहुत ही प्रसिद्द है। शायद इसलिए तांबा घावों को जल्दी भरने के लिए बहुत मददगार सिद्ध होता है । जी हाँ ताम्बे के पात्र Tambe ke patr में रखे पानी का नियमित रूप से सेवन करने से सभी तरह के घाव जल्दी भर जाते है । प्रसव के बाद स्त्रियों को तो विशेष रूप से ताम्बे के बर्तन में रखा जल ही पीना चाहिए ।
तांबे का बर्तन खरीदते हुए यह विशेष रूप से ध्यान रखें कि वो बर्तन शुद्ध तांबे से बना हो। आप ताम्बे के बर्तनों में तांबे का जग, लोटा या ताम्बे का गिलास खरीद सकते हैं। एक बात का और ध्यान रखे कि तांबे के बर्तन में जब पानी डालकर रखें तो उसे ढंकना बिलकुल भी न भूलें। तांबे के बर्तन Tambe ke bartan को धोने , साफ करने के लिए नींबू का इस्तेमाल अच्छा रहता है।
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