Tuesday, December 3, 2024
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मुख्य द्वार का वास्तु, mukhya dwar ka vastu,

मुख्य द्वार का वास्तु, mukhya dwar ka vastu,

वास्तुशास्त्र के अनुसार किसी भी भवन या ऑफिस के मुख्य द्वार, mukhy dwar का बहुत महत्व होता है। घर की खुशहाली के लिए परम आवश्यक है कि सबसे पहले उसके मुख्‍य द्वार की दिशा और दशा को बिलकुल ठीक किया जाए।

जैसे मानव शरीर में जो महत्‍ता हमारे मुख की है, वही महत्‍ता किसी भी भवन में मुख्‍य द्वार की होती है। इसलिए मुख्य द्वार को हमेशा अन्य द्वारों की अपेक्षा बड़ा व सुसज्जित रखा जाता है।

मान्यता है कि यदि घर का मुख्य द्वार का वास्तु, Mukhya Dwar ka Vastu, सही हो तो जीवन में सफलता के द्वार स्वत: ही खुलने लगते है।

भारतीय परम्परानुसार मुख्‍य द्वार को कलश, खूबसूरत बंदनवार, अशोक, केले के पत्तों अथवा ॐ, स्वास्तिक के चिन्हो से सुसज्जित करने की प्रथा चली आ रही है।

हम यहाँ पर आपको मुख्य द्वार के कुछ महत्वपूर्ण वास्तु के उपायों के बारे में बता रहे है जिनको अपनाकर आप निश्चय ही अपने जीवन में सुख समृद्धि ला सकते है।

जानिए मुख्य द्वार का वास्तु, Mukhya Dwar ka Vastu,मुख्य द्वार के शुभ वास्तु से लाभ, Mukhya dwar ke shubh vastu se labh ।

मुख्य द्वार का वास्तु, mukhya dwar ka vastu,

* मुख्य द्वार Mukhya dwar भवन की जिस दिशा में हो उस दिशा को नौ समान भागों में बाँटकर पाँच भाग दाहिने ओर से और दो भाग बायीं ओर से छोड़कर बीच के शेष भाग में ही मुख्य द्वार बनाना शुभ रहता है ।

* भवन के मुख्य द्वार bhawan ke Mukhya dwar का आकार भवन के अन्य द्वारों की अपेक्षा बड़ा होना चाहिए ।

* भवन के मुख्य द्वार के लिए उत्तर या पूर्व दिशा को काफी अच्छा माना जाता है। मुख्य द्वार को यथासंभव मध्य पश्चिम या दक्षिण में नहीं बनाना चाहिए।

* मुख्य द्वार Mukhya dwar चार भुजाओं की चौखट वाला बनाना चाहिए। अर्थात इसमें दहलीज भी होनी चाहिए हैं। दहलीज युक्त भवन का मुख्य द्वार अति शुभ माना जाता है । यह मान्यता है कि बिना दहलीज़ के भवन में माँ लक्ष्मी प्रवेश नहीं करती है या टिकती नहीं है और ऐसे घर के सदस्य भी संस्कारहीन हो जाते है ।

यह भी माना जाता है कि दहलीज वाले घर में नकारात्मक उर्जा या किसी के भी द्वारा किया गया बुरा कर्म भवन में प्रवेश नहीं कर पाता ।

* लेकिन ध्यान रहे की ऑफिस में दहलीज नहीं बनानी चाहिए। क्योंकि मान्यता है की इससे कार्यो में अवरोध उत्पन्न होता है।

* आपके घर के प्रवेश द्वार पर सदैव अच्छी रौशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे कि लोग आपके घर के प्रवेश द्वार को अच्छे तरह से देख सकते हैं । प्रवेश द्वार पर कोई चमकदार रोशनी लगाये तो अति उत्तम है ।

* अगर आपके घर के शुरुआत में पर्याप्त जगह हो तो अपने घर में दो दरवाजे लगाएं एक दरवाजा अंदर आने के लिए और दूसरा दरवाजा बाहर जाने के लिए प्रयोग करें ।

* अगर आप दो दरवाजे बनवाते है तो एक बात का अवश्य ध्यान दें कि मुख्य प्रवेश द्वार से बाहर जाने वाला दरवाज़ा थोड़ा छोटा अवश्य ही होना चाहिए।

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Published By : Memory Museum
Updated On : 2022-11-24 06:00:55 PM

Pandit Ji
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