Nag Panchmi Ka Upay, नाग पंचमी के उपाय, Nag Panchm 2024,
हिन्दू धर्म में देवताओं के साथ साथ नागों को भी अहम स्थान दिया गया है। भगवान शिव के गले में नाग राज वासुकी ने स्थान पाया है, नाग पंचमी, Nag Panchami का त्योहार नाग देवता को समर्पित है।
और प्रत्येक पक्ष की पंचमी विशेषकर सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी जिसे “नाग पंचमी” Nag Panchmi भी कहते है के दिन नागो की पूजा Nagon ki puja का विशेष महत्व है । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग जाति की उत्पत्ति हुई थी।
यहाँ पर हम कुछ विशेष नाग पंचमी के उपाय, nag panchmi ke upay, बता रहे है जिसे करके आप निश्चय ही नाग देवता को प्रसन्न कर पाएंगे उनकी कृपा प्राप्त कर पाएंगे ।
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Nag Panchmi Ka Upay, नाग पंचमी के उपाय,
भगवान शंकर के नाती, गणेश जी और कार्तिकेय जी के भान्जे आस्तिक मुनि ने एक बार साँपों के संहार के लिए हो रहे यज्ञ को रुकवाकर नागराज वासुकी , नागराज तक्षक आदि नागों की सपरिवार रक्षा की थी, नाग वंश की रक्षा की थी और जिस दिन यह यज्ञ रुका उस दिन सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी थी ।
इससे प्रसन्न होकर नागो ने आस्तिक मुनि को यह वचन दिया कि जो कोई भी आपका नाम लेकर स्मरण करेगा उन्हें सर्प जाति से कभी कोई भी कष्ट नहीं मिलेगा ।
मान्यता है कि जो भी जातक नाग पंचमी के दिन आस्तिक ऋषि के नामो का 21 बार स्मरण करता है उसे साँप के काटने का भय नहीं होता है उसे काल सर्प दोष से भी राहत मिलती है इसलिए नाग पंचमी के दिन आस्तिक मुनि का 21 बार अवश्य ही बोलकर स्मरण करना चाहिए ।
* नाग पंचमी ( nag panchami ) के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते हुए चाँदी के नाग नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ा दें फिर अभिषेक की समाप्ति पर उसे ताम्बे के पात्र में विसर्जित करके , उस पात्र को अभिषेक कराने वाले पंडित को दान में दे दें , इससे काल सर्पदोष (Kaal Sarp Dosh) में बहुत ज्यादा राहत मिलती है ।
* नाग पंचमी ( nag panchami ) के दिन 11 नारियल बहते हुए पानी में प्रवाहित करें , इससे काल सर्प दोष Kaal Sarp Dosh से अवश्य ही मुक्ति मिलती है, कार्यों में सफलता मिलने के योग बनने लगते है, जीवन में चली आ रही अस्थिरतायें दूर होती है।
* नाग पंचमी ( nag panchami ) एवं प्रत्येक माह के दोनों पक्षो की पंचमी के दिन “ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा”
मन्त्र का जाप अवश्य ही करें। इससे काल सर्प दोष kaal sarp dosh के दुष्प्रभाव में कमी होती है ।
* नाग पंचमी nag panchami के दिन नागो के 5 पौराणिक “अनंत, वासुकि, तक्षक, कर्कोटक व पिंगल” के नामो का कम से कम 21 बार अवश्य ही उच्चारण करें ।
* नाग पंचमी nag panchami के दिन अधिक से अधिक ‘ॐ नागदेवतायै नम:’ मन्त्र का जाप करें इससे भगवान शिव और नाग देवता प्रसन्न होते है।
* नाग पंचमी ( nag panchami ) के दिन नागदेव की सुगंधित पुष्प व चंदन से ही पूजा करनी चाहिए क्योंकि नागदेव को सुगंध बहुत प्रिय है, इससे नाग देवता प्रसन्न होते है और काल सर्प दोष kaal sarp dosh में कमी आती है।
* जिस भी जातक पर काल सर्प दोष kaal sarp dosh हो उसे कभी भी नाग की आकृति वाली अंगूठी को नहीं पहनना चाहिए ।
* नाग पंचमी ( nag panchami ) के दिन महामृत्युंज्य मंत्र का जाप करें या उसकी कैसेट सुनें।
* नाग पंचमी ( nag panchami ) के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे मिटटी के बर्तन में दूध रखने से नाग देवता ( nag devta ) प्रसन्न होते है, काल सर्प दोष ( kal sarp dosh ) निश्चय ही दूर होता है, जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है। हर मनुष्य को नाग पंचमी के दिन यह उपाय अवश्य ही करना चाहिए
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* ध्यान रहे कि नागपंचमी के दिन धरती पर हल चलाना, धरती खोदना मना है।
* देश के बहुत से भागों में इस दिन सुई धागे से किसी तरह की सिलाई भी नहीं की जाती है।