Friday, November 15, 2024
Homeपितृ पक्षPitra Dosh, पितृदोष,

Pitra Dosh, पितृदोष,

पितृदोष क्या है, Pitrdosh kya hai,

  • वह दोष Dosh जो पित्तरों से सम्बन्धित होता है पितृदोष Pitradosh कहलाता है। यहाँ पितृ Pitra का अर्थ पिता नहीं वरन् पूर्वज होता है। ये वह पूर्वज होते है जो मुक्ति प्राप्त ना होने के कारण पितृलोक में रहते है तथा अपने प्रियजनों से उन्हे विशेष स्नेह रहता है। श्राद्ध या अन्य धार्मिक कर्मकाण्ड ना किये जाने के कारण या अन्य किसी कारणवश पितृ रूष्ट हो जाये तो उसे पितृ दोष Pitradosh कहते है।
  • विश्व के लगभग सभी धर्मों में यह माना गया है कि मृत्यु के पश्चात् व्यक्ति की देह का तो नाश हो जाता है लेकिन उनकी आत्मा कभी भी नहीं मरती है। पवित्र गीता के अनुसार जिस प्रकार स्नान के पश्चात् हम नवीन वस्त्र धारण करते है उसी प्रकार यह आत्मा भी मृत्यु के बाद एक देह को छोड़कर नवीन देह धारण करती है।
  • पित्तरों के अस्तित्व एवं महत्व का लगभग समस्त धर्मों में उल्लेख प्राप्त हुआ है। हमारे पित्तरों को भी सामान्य मनुष्यों की तरह सुख दुख मोह ममता  भूख प्यास आदि का अनुभव होता है।
    यदि पितृ योनि में गये व्यक्ति के लिये उसके परिवार के लोग श्राद्ध कर्म तथा श्रद्धा का भाव नहीं रखते है तो वह पित्तर अपने प्रियजनों से नाराज हो जाते है।
  • समान्यतः इन पित्तरों के पास आलौकिक शक्तियां होती है तथा यह अपने परिजनों एवं वंशजों की सफलता सुख समृद्धि के लिये चिन्तित रहते है जब इनके प्रति श्रद्धा तथा धार्मिक कर्म नहीं किये जाते है तो यह निर्बलता का अनुभव करते है तथा चाहकर भी अपने परिवार की सहायता नहीं कर पाते है तथा यदि यह नाराज हो गये तो इनके परिजनों को तमाम कठनाइयों का सामना करना पड़ता है।

पितृ दोष, Pitradosh होने पर व्यक्ति को जीवन में तमाम तरह की परेशानियां उठानी पड़ती है जैसे :

  • घर में सदस्यों का बिमार रहना
  • मानसिक परेशानी
  • सन्तान का ना होना कन्या का अधिक होना
  • पुत्र का ना होना
  • पारिवारिक सदस्यों में वैचारिक मतभेद होना
  • जीविकोपार्जन में अस्थिरता
  • पर्याप्त आमदनी होने पर भी धन का ना रूकना
  • प्रत्येक कार्य में अचानक रूकावटें आना
  • सर पर कर्ज का भार होना
  • सफलता के करीब पहुँचकर भी असफल हो जाना
  • प्रयास करने पर भी मनवांछित फल का ना मिलना
  • आकस्मिक दुर्घटना की आशंका
  • वृद्धावस्था में बहुत दुख प्राप्त होना आदि।

बहुत से लोगों की कुण्डली में कालसर्प Kaal Sarp योग भी देखा जाता है वस्तुतः कालसर्प योग भी पितृ दोष के कारण ही होता जिसकी वजह से मनुष्य के जीवन में तमाम मुसीबतों एवं अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।

Pandit Ji
Pandit Jihttps://www.memorymuseum.net
MemoryMuseum is one of the oldest and trusted sources to get devotional information in India. You can also find various tools to stay connected with Indian culture and traditions like Ram Shalaka, Panchang, Swapnphal, and Ayurveda.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Translate »