Sunday, December 22, 2024
HomeHindiगंभीर रोगडेंगू से बचाव, dengu se bachaw,

डेंगू से बचाव, dengu se bachaw,

डेंगू से बचाव, dengu se bachaw,

आजकल डेंगू ( dengu ) एक बहुत बड़ी बीमारी के रूप पर उभरा है, यह रोग जानलेवा हो सकता है , आज इससे पूरे देश में बहुत से लोगों की जान जा रही है। डेंगू ( dengu ) बरसात और ठन्डे मौसम में ज्यादा फैलता है ।

बदलते हुआ मौसम में भी डेंगू ( dengu ) का खतरा बहुत बढ़ जाता है। बदलता हुई मौसम अपने साथ डेंगू ( dengu ) के कीटाणु ले आता है। डेंगू ( dengu ) मच्छर के काटने से होता है,

जानिए, डेंगू से बचाव, Dengu Se Bachaw, डेंगू से बचने के उपाय, Dengu Se Bachne ke upay, डेंगू से कैसे बचे, डेंगू के उपाय, ।

चूँकि डेंगू ( dengu ) मच्छर के काटने से होता है इसलिए मच्छर को पनपने से रोकना ही इसका सबसे बड़ा बचाव होता है।
* अपने घर को साफ-सुथरा रखें और कहीं भी जल को जमा नहीं होने दें।

* चाहे कूलर का पानी हो या बाल्टी का, पानी को लगातार बदलते रहना और साफ रखना चाहिए।

* घर के आस-पास के जगह को साफ-सुथरा रखें कहीं पर भी पानी जमा ना होने दें ।

* डेंगू dengu ) से बचने का एकमात्र उपाय है मच्छर के काटने से बचना। इसके लिए किसी मच्छर भागने की दवा का भी अवश्य ही प्रयोग करें ।

विशेषज्ञ बताते है कि डेंगू ( dengu ) का मच्छर आम मच्छर नहीं होता है , यह एक विशेष प्रकार का विषैला मच्छर होता है, जिसके काटने से 3 से 5 दिन के भीतर ही शरीर में डेंगू का खतरनाक वायरस फैल जाता है।

कभी-कभी इस वायरस को फैलने में 10 दिन तक लग जाते है । जो लोग शारीरिक रूप से संवेदनशील होते हैं तथा जिनकी प्रतिरक्षा क्षमता कमजोर होती है, उनमें डेंगू रोग जल्दी होता है।

डेंगू से बच्चे से लेकर बड़े सभी प्रभावित होते हैं विशेषकर बच्चे ज़्यादा ही प्रभावित होते हैं।

* डेंगू के एडीज मच्छर दिन में काटते हैं, इसलिए दिन के समय भी मच्छर से खुद को बचाना बहुत ही जरूरी होता है।

अवश्य जाने :- प्राचीन सुश्रुत संहिता से जानिए कैसे होगी कुल का नाम रौशन करने वाली, योग्य एवं संस्कारी संतान की प्राप्ति,


डेंगू के लक्षण, Dengu ke lakshan



* डेंगू ( dengu ) के शुरुआती लक्षणों में रोगी को तेज ठंड लगती है,

* उसे सिरदर्द, कमरदर्द , बदनदर्द और आंखों में तेज दर्द हो सकता है,

* उसे लगातार तेज बुखार रहता है।

* कई बार चक्कर आने से बेहोशी भी आ जाती है एवं त्वचा पर लाल चकते से भी पड़ जाते हैं।

* सबसे गंभीर समस्या तब होती है जब रोगी में प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से कमी हो जाती है। खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कमी का पता जांच के बाद ही चलता है।

* प्लेटलेट्स की संख्या, जो कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से साढ़े चार लाख तक होनी चाहिए, के स्तर को बनाये रखने के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति में एक मात्र यही उपाय है कि रोगी को अलग से प्लेटलेट्स चढाये जाएँ।

* इसके अतिरिक्त पेट का खराब होना,

त्वचा का सुखना,

* उल्टियाँ लगना, एवं
* निम्न रक्त दाब होना भी हो सकता हैं।
इसमें रोगी की त्‍वचा ठंडी हो जाती है , नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है ।
डेंगू ( dengu ) के मरीज को यदि समय रहते इलाज न मिले तो रोगी की मृत्यु भी सकती है।

अवश्य पढ़ें :- दिनों के हिसाब से रंगों का चयन करके अपनी उर्जा, अपनी कार्य क्षमता बडाये, अपने जीवन में खुशियों के रंग भर लीजिये।

* अगर किसी को उपरोक्त लक्षणों के साथ 2 – 3 दिनों तक बुखार बना रहे तो तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए । डेंगू में डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं के अतिरिक्त कुछ घरेलू इलाज भी कर सकते हैं।

इस साइट के सभी आलेख शोधो, आयुर्वेद के उपायों, परीक्षित प्रयोगो, लोगो के अनुभवों के आधार पर तैयार किये गए है। किसी भी बीमारी में आप अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य ही लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। इन उपायों का प्रयोग अपने विवेक के आधार पर करें,असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी ।

Pandit Ji
Pandit Jihttps://www.memorymuseum.net
MemoryMuseum is one of the oldest and trusted sources to get devotional information in India. You can also find various tools to stay connected with Indian culture and traditions like Ram Shalaka, Panchang, Swapnphal, and Ayurveda.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Translate »