शनि ग्रह के उपाय, shani grah ke upay,
शनि ग्रह Shani Grah का शुभाशुभ प्रभाव एवं शनि ग्रह के उपाय Shani Grah Ke Upay ——-
- वास्तविकता में शनि ग्रह Shani Grah न्यायाधीश है जो प्रकृति में संतुलन पैदा करता है व हर प्राणी के साथ न्याय करता है। जो लोग अनुचित विषमता व अस्वाभाविकता और अन्याय को आश्रय देते हैं, शनि देव Shani Devकेवल उन्हीं को प्रताड़ित करते है, दण्ड देते है।
- शनि ग्रह Shani Grah के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। अचानक आग लग सकती है। धन, संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है। समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी।
- शास्त्र उत्तर कालामृत के अनुसार शनि कमजोर स्वास्थ्य, बाधाएं, रोग, मृत्यु, दीर्घायु, नंपुसकता, वृद्धावस्था, काला रंग, क्रोध, विकलांगता व संघर्ष का कारक ग्रह माना गया है।
- शनि ग्रह Shani Grah का मजबूत होना नाक्रशाही का प्रतीक है। ऐसा होने पर आप स्वस्थ्य होते हैं और लोग आपके लिए काम करते हैं।
जीवनसाथी का सहयोग मिलता है और परिवार पर किसी प्रकार की मुसीबत नहीं आती। ऐसा व्यक्ति एक से अधिक मकानों का स्वामी होता है और कम मेहनत में अधिक लाभ कमाने वाला होता है।
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- शनि की स्थिति यदि शुभ है तो व्यक्ति हर क्षेत्र में प्रगति करता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता। बाल और नाखून मजबूत होते हैं। ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है और समाज में मान-सम्मान खूब रहता हैं।
- शनि को निम्नलिखित कार्य बिलकुल भी पसंद नहीं है इन कार्यो के करने से हो सकते है शनि रुष्ट —-
- जैसे जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी करना, परस्त्री गमन करना,
अप्राकृतिक रूप से संभोग करना, झूठी गवाही देना, निर्दोष लोगों को सताना,
किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करना,
चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करना,
ईश्वर के खिलाफ होना, दांतों को गंदा रखना, भैंस या भैसों को मारना,
सांप, कुत्ते और कौवों को सताना।
शनि के मूल मंदिर जाने से पूर्व उक्त बातों पर प्रतिबंध लगाएं।
- सावधानी : कुंडली के प्रथम भाव यानी लग्न में हो तो भिखारी को तांबा या तांबे का सिक्का कभी दान न करें अन्यथा पुत्र को कष्ट होगा।
शनि यंत्र, Shani Yantr,
शनि ग्रह के औषधि स्नान :– शनि ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए शनिवार के दिन प्रात: जल में सौंफ, लोबान, सुरमा, काले तिल, गोंद, डालकर स्नान करने से शनि ग्रह के अनुकूल फल मिलते है।
शनि गृह को अनुकूल बनाने के उपाय, Shani Grah ko anukul banna ke upay
- यदि आपकी कुंडली में भी शनि ग्रह पीड़ित /कमजोर का होकर स्थित है तो करे निम्नलिखित उपाय और बनाये मजबूत—-
- आपको अपने चाचा की सेवा कर उन्हें सम्मान देना चाहिए।
- चमड़े की वस्तुओं, तवा, चिमटे आदि का दान करना चाहिए।
- किसी से बुरा बर्तान नहीं करता चाहिए और ईमानदारी के साथ जीवन व्यतीत करना चाहिए।
- किसी पात्र में तेल लेकर उसमें अपनी परछाई देखें और उसे दान करें।
- कोयला दान करना भी अच्छा होगा ,”भगवान भैरव की उपासना करें “ॐ भैरवाय नम:” इस मंत्र का जप करें”।
शनि न्याय के देवता है जो यदि शनिदेव बुरे कर्मो का दण्ड देते हैं तो शुभ कामों से कृपा भी बरसाते हैं। शास्त्रों में शनि के दस अति पुण्य प्रदान करने वाले नामों का वर्णन है, जिनका स्मरण,जप करने से ही सभी बड़े से बड़ा सकंट कैसे भी दु:खों का नाश होता है।
विशेषकर शनिवार को तो शनि देव के वह दस कल्याणकारी नमो का अवश्य ही उच्चारण करना चाहिए यदि पीपल के पेड़ के नीचे इन नामो का जाप किया जाय तो शनि देव अति प्रसन्न होते है। शनि देव के 10 नाम है :—–
“कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मन्द, पिप्पलाश्रय“
- ऐसे जातक को मांस , मदिरा, बीडी- सिगरेट नशीला पदार्थ आदि का सेवन न करे ,
- हनुमान जी की पूजा करे , बजरंग बाण का पाठ करे ,
- पीपल को जल दे अगर ज्यादा ही शनि परेशान करे तो शनिवार के दिन शमशान घाट या नदी के किनारे पीपल का पेड़ लगाये।
- सवा किलो सरसों का तेल किसी मिट्टी के कुल्हड़ में भरकर काला कपडा बांधकर किसी को दान दे दें या नदी के किनारे भूमि में दबाये।
- शनिवार को शनि ग्रह की वस्तुओं का दान करें, शनि ग्रह की वस्तुएं हैं –काला उड़द,चमड़े का जूता, नमक, सरसों तेल, तेल, नीलम, काले तिल, लोहे से बनी वस्तुएं, काला कपड़ा आदि।
- शनि देव के प्रकोप से बचने उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनकी पत्नी के 8 नामो,
- ध्वजीनि, धामिनी, कंकाली, कलह प्रिया, कंटकी, तरंगी, महिषि, अजा
का अवश्य स्मरण करना चाहिए।
- शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
- गरीबों, वृद्धों एवं नौकरों के प्रति अपमान जनक व्यवहार नहीं करना चहिए।
- शनिवार को साबुत उडद किसी भिखारी को दान करें.या पक्षियों ( कौए ) को।
शनि ग्रह शान्ति हेतु टोटका :—
- प्रत्येक शनिवार को स्नान करने से पहले पूरे शरीर में सरसों का तेल लगाकर ही स्नान किया करें एवं संभव हो तो शनिवार को ही संध्या में हनुमान जी का पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरण कर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण कर लिया करें ।
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