आप सभी को होली के महा पर्व की हार्दिक शुभकामनायें
सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 25 मार्च 2024 का पंचांग, 25 March 2024 ka Panchang,
Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।
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सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,
25 मार्च 2024 का पंचांग, 25 March 2024 ka Panchang,
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
- दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
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*विक्रम संवत् 2080,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – उत्तरायण,
* ऋतु – बसंत ऋतु,
* मास – फाल्गुन माह,
* पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन,
सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-
प्रात: 6.18 AM से 7.20 AM तक
दोपहर 01.28 PM से 2.29 PM तक
रात्रि 8.32 PM से 9.31 PM तक
सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।
सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।
चन्द्रमा के मन्त्र
ॐ सों सोमाय नम:।
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।
- तिथि (Tithi) – पूर्णिमा दोपहर 12.29 PM तक तत्पश्चात प्रतिपदा
- तिथि का स्वामी – पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्र देव जी और प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव जी है ।
- आज फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि, होली का महापर्व है । पूर्णिमा तिथि को चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है। पूर्णिमा तिथि माँ लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है, इस दिन सुख समृद्धि के लिए माँ लक्ष्मी की विधि पूर्वक उपासना अवश्य करें।
- पूर्णिमा तिथि को संध्या के समय में सत्यनारायण भगवान की पूजा तथा कथा की जाती है एवं चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
- पूर्णिमा तिथि के स्वामी चन्द्र देव जी है, पूर्णिमा के दिन जन्म लेने वाले व्यक्ति को चन्द्र देव की पूजा नियमित रुप से अवश्य ही करनी चाहिए।
- पूर्णिमा तिथि के दिन चन्द्र देव जी के मन्त्र
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:। अथवा
- ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
का जाप करने से कुंडली में चन्द्रमा के शुभ फल मिलने लगते है । - इस दिन सफ़ेद वस्त्र पहने और चन्द्रमा की चांदनी में अवश्य बैठें ।
- पूर्णिमा के दिन लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं ना करें, इस दिन परिवार में सुख-शांति बनायें रखे इस दिन क्रोध और हिंसा से दूर रहना चाहिए ।
- पूर्णिमा के दिन काँसे के बर्तन में भोजन करना, तिल का तेल का सेवन करना, सहवास करना निषिद्ध है।
- पूर्णिमा के दिन ब्रह्यचर्य का पालन करना चाहिए । पूर्णिमा के दिन गरीब या जरुरतमंद को दान करने से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
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आज होली का महा पर्व है जिसे दुलण्ड़ी भी कहा जाता है । होलिका दहन के अगले दिन पूरे देश में धूमधाम से होली मनाई जाती है आज के दिन लोग एक दूसरे को हर्ष और उल्लास के साथ रंग / अबीर / गुलाल आदि लगाकर शुभकामनायें देते है ।
होली का पर्व बहुत प्राचीन समय से मनाया जाता रहा है, हमारे धर्म ग्रंथो, शास्त्रों और पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है ।
शास्त्रों में भगवान श्रीराम और सीता माता का भी होली खेलने के बारे में उल्लेख मिलता है। होली में एक ओर भगवान श्री राम, लक्ष्मण जी भरत और शत्रुघ्न होते थे वही दूसरी ओर सहेलियों के संग माँ सीता जी। उस समय केसर मिला, फूलो के रंग के से होली खेली जाती थी ।
मान्यता है कि आपस में रंग लगाने की परंपरा द्वापर युग में पवित्र नगरी मथुरा में भगवान श्री कृष्ण जी से शुरू हुई थी । यशोदा मय्या के सुझाव पर कान्हा ने राधा रानी को रंग लगा दिया था, ताकि राधा का रंग भी कान्हा जैसा ही हो जाय । कहते है तभी से यह रंग लगाने की परंपरा शुरू हुई ।
मथुरा की होली, जिसे ब्रज की होली के नाम से भी जाना जाता है, ये पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है । प्रत्येक वर्ष पूरे विश्वभर से लोग ब्रज की होली देखने के लिए मथुरा आते हैं ।
शास्त्रों में कुछ एक स्थानों में राधा-कृष्ण और सीता-राम की होली के साथ साथ हिमालय में शिव – पार्वती की होली के बारे में भी लिखा है । माँ पार्वती सबसे पहले महादेव को रंग लगाकर भाव विभोर हो जाती है फिर उनकी सहेलियों भी पार्वती जी को रंग गुलाल से सराबोर कर देती हैं।
भगवान भोलनाथ की धरती काशी में भी रंगो की होली की धूम देखते ही बनती है यहाँ पर भगवान भोलेनाथ जी शोभा यात्रा भी निकाली जाती है जिसमें लाखो श्रद्धालु एक दूसरे से रंगो से खेलते, अबीर गुलाल उड़ाते चलते है ।
इस दिन सभी अमीर – गरीब, छोटे – बड़े लोग एक-दूसरे को रंग, अबीर और गुलाल लगाते हैं, यह पर्व मनुष्यो के सभी भेद, ऊँच – नीच को मिटा देता है।
मान्यता है कि हर्ष पूर्वक रंगो की होली खेलने से जीवन से दुर्भाग्य दूर होता है, सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है इसलिए प्रत्येक हिन्दू को यह रंगो का पर्व अवश्य ही मानना चाहिए ।
नक्षत्र (Nakshatra) – उत्तराफाल्गुनी 10.38 AM तक तत्पश्चात हस्त
- नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन और स्वामी सूर्य, बुध देव जी है।
आकाश मंडल में उत्तरा फाल्गुनी को 12 वां नक्षत्र माना जाता है। ‘उत्तरा फाल्गुनी’ का अर्थ है ‘बाद का लाल नक्षत्र’। यह एक बिस्तर या बिस्तर के पिछले दो पाए को दर्शाता है जो आराम और विलासिता के जीवन का प्रतीक है।
यह नक्षत्र रोमांस, कामुक, ऐश्वर्य, रोमांच और अनैतिक आचरण को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पाकड़ तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर सूर्य और बुध का प्रभाव बना रहता है।
इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति दानी, दयालु, साहसी, विद्वान, चतुर, उग्र स्वभाव, सही निर्णय लेने वाले होते है। इन्हे पूर्ण संतान, भूमि का सुख मिलता है।
लेकिन यदि सूर्य और बुध की स्थिति जन्म कुंडली में खराब है तो जातक का रुझान गलत कार्यों में रहने लगता है, उसका झुकाव विपरीत लिंगी की तरफ बहुत आसानी से हो जाता है।
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री, सरल, शांत लेकिन खुशमिज़ाज़ होती हैं। यह आसानी से सबको प्रभावित कर लेती है ।इनका पारिवारिक दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 12, भाग्यशाली रंग, चमकदार नीला, भाग्यशाली दिन बुधवार, शुक्रवार, और रविवार माना जाता है ।
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ अर्यमणे नम: “। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।
ऐसे करें होलिका दहन, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का होगा संचार, सभी कष्ट रहेंगे दूर, अवश्य जानिए होलिका दहन की विधि
अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स - योग(Yog) – वृद्धि 21.30 PM तक तत्पश्चात ध्रुव
- योग के स्वामी :- वृद्धि योग के स्वामी सूर्य देव एवं स्वभाव शुभ माना जाता है ।
- प्रथम करण : – बव 12.29 PM तक
- करण के स्वामी, स्वभाव :- बव करण के स्वामी इंद्र देव और स्वभाव सौम्य है।
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- द्वितीय करण : – बालव
- करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है ।
- गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
- दिशाशूल (Dishashool)- सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।
- यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
- राहुकाल (Rahukaal)-सुबह -7:30 से 9:00 तक।
अपनी आकृषण शक्ति, चुम्बकीय शक्ति बढ़ाना चाहते है तो अवश्य ही करें ये उपाय
- * सूर्योदय – प्रातः 06:43
- * सूर्यास्त – सायं 18:23
- विशेष – पूर्णिमा के दिन काँसे के बर्तन में भोजन करना, तिल का तेल का सेवन करना, सहवास करना निषिद्ध है।
- पर्व त्यौहार- होली का महा पर्व
- मुहूर्त (Muhurt) –
“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 6306516037 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।
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दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।
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