ग्रह अनुसार रत्न
Grah anusaar Ratn
व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति,उन ग्रहों के आपस में संबंध, उन ग्रहों की परस्पर दृष्टि, ग्रहों के अंश आदि का प्रभाव व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन पर पड़ता है। ग्रह अनुसार उपर्युक्त रत्न उन लोगों के लिए भी उपयोगी हैं जिनको अपनी जन्मकुंडली के बारे में ज्ञान नहीं है।ग्रह अनुसार सही रत्नों को धारण करके हम अपने जीवन की सभी बाधाओं को दूर करके जीवन में चौतरफा लाभ प्राप्त कर सकते है ।
ज्योतिष के प्रमुख ग्रंथ वृहद्संहिता जिसे आचार्य महर्षि वराहमिहिर ने लिखा है में सर्वप्रथम रत्नों के बारे में उल्लेख मिलता है| वृहद्संहिता के अनुसार वज्र नामक कठोर पत्थर को आज हीरा कहा जाता है, इसी तरह प्रवाल को मूंगा, मुक्ता को मोती, पुष्पराज को पुखराज, इन्द्रनील को नीलम, वैदूर्ये को लहसुनिया और गोमेदक को आज गोमेद के नाम से जाना जाता है| इसके अतिरिक्त 84 अन्य उपयोगी रत्नों का भी वृहद्संहिता में संपूर्ण विवरण दिया गया है | हमारे ऋषि मुनियों ने 84 रत्नों के ज्योतिष में लाभ के अतिरिक्त उनके औषधीय उपयोग में भी सफलता हासिल की है|
ग्रह अनुसार रत्नों का महत्व
Grah Anusar Ratno ka Mahatv
नौ प्रमुख रत्न तथा शेष उपरत्न माने जाते हैं। इन नौ प्रमुख रत्नों का नवग्रहों से संबंध माना जाता है ये है ………
सूर्य –माणिक्य,
चन्द्रमा –मोती,
मंगल –मूंगा,
बुध –पन्ना,
बृहस्पति –पुखराज,
शुक्र –हीरा,
शनि –नीलम,
राहु –गोमेद,
केतु –लहसुनिया ।
जिनकी कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो, उन्हें रविवार के दिन माणिक्य धारण करना चाहिए। रविवार को प्रात: सूर्योदय के समय माणिक्य को अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर में धारण करने से श्रेष्ठ लाभ मिलता है। लेकिन यदि रविवार को पुष्य नक्षत्र हो तो विशेष और शीघ्र लाभ मिलता है । माणिक्य कम से कम 3 रत्ती का सोने की अँगूठी में धारण करना चाहिए ।
जिन लोगों की कुंडली में चंद्र की महादशा चल रही हो उन्हें मोती धारण करना चाहिए। मोती को किसी भी सोमवार को शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच अनामिका यानि रिंग फिंगर अथवा कनिष्ठा यानि सबसे छोटी उंगली में धारण करना चाहिए। मोती धारण करते समय इस बात का अवश्य ही ध्यान दे कि मोती कम से कम 4 रत्ती का अवश्य ही हो और इसे चाँदी की अँगूठी में धारण करना चाहिए ।
मंगल की महादशा में मूंगा धारण करने से उत्तम फल मिलते है। जिन लोगो की मंगल की महादशा चल रही हो उन्हें मंगलवार के दिन मूँगा धारण चाहिए । मूंगा को मंगलवार के दिन शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच अथवा सूर्योदय से 1 घंटे के भीतर अनामिका यानी रिंग फिंगर में धारण करने पर श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं। यदि मंगलवार को अनुराधा नक्षत्र हो तो बहुत उत्तम है । मूँगा धारण करते समय यह ध्यान रखें कि यह कम से कम 6 रत्ती का हो और इसे सोने की अँगूठी में पहनना चाहिए ।
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