Friday, December 20, 2024
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ग्रहो के शुभ फलो के लिए दान

कुण्डली के अस्त ग्रहों के शुभ फलो के लिए दान

यदि कोई ग्रह आपकी कुंडली में अशुभ फल दे रहा है अर्थात अस्त है या नीच का है तो उस ग्रह कि शांति के लिए, शुभ फलों कि प्राप्ति के लिए दान अवश्य ही करने चाहिए । हमारे शास्त्रों के अनुसार नौ में से पांच ग्रह बुध, शुक्र, शनि, राहु व केतु ऐसे है जो दान के बिना प्रसन्न ही नहीं होते और न ही जातकों पर अपनी कृपा दृष्टि रखते हैं। कुंडली के कमजोर ग्रहों के अशुभ फलों को शांत करने के लिए दान हम आपको यहाँ पर बता रहे है …….

Surya Grah

सूर्य ग्रह : – लाल चंदन, लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, सोना, माणिक्य, घी व केसर का दान किसी भी रविवार को सूर्योदय के समय करना विशेष लाभप्रद होता है।

चंद्र ग्रह :- चन्द्र ग्रह कि कृपा प्राप्त करने के लिए दूध, चावल, चीनी, चांदी, मोती, सफेद चंदन, शंख, कर्पूर, दही, मिश्री आदि का दान संध्या के समय करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

Chandra Grah
Mangal Grah

मंगल ग्रह : – मंगल ग्रह के शुभ फलों को प्राप्त करने के लिए स्वर्ण, गुड़, घी, लाल मसूर की दाल, कस्तूरी, केसर, लाल वस्त्र, मूंगा, ताम्बे के बर्तन आदि का दान सूर्यास्त से आधे,पौन घंटे से पूर्व ही करना चाहिए।

बुध ग्रह : – बुध ग्रह के फलों को अपने अनुकूल प्राप्त करने के लिए साबुत मूंग, फल, कांसे का पात्र, पन्ना, स्वर्ण आदि का दान दोपहर में करें अवश्य ही लाभ प्राप्त होगा।

Budh Grah
Brashpati Dev

बृहस्पति देव : – देव गुरु कि कृपा प्राप्त करने के लिए चने की दाल, हल्दी, केसर, गुड़ , पीले फल, पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तकें, पुखराज, आदि का दान संन्ध्या के समय करने से गुरु बृहस्पति कि कृपा प्राप्त होती है।

शुक्र ग्रह : – शुक्र ग्रह कि कृपा प्राप्त करने के लिए जातक को चावल, मिश्री, दूध, दही, इत्र, सफेद चंदन, चांदी आदि का दान सुबह सूर्योदय के समय करने से लाभ प्राप्त होता है।

Shukra Grah
Sani Dev

शनि देव : – भगवान शनि देव कि कृपा पाने के लिए लोहा, उड़द की दाल,काले चने सरसों का तेल, काले वस्त्र, जूते व नीलम का दान दोपहर के समय करें।

राहु : – राहु के दोषों को दूर करने के लिए लोहे का चाकू व छलनी, सीसा, तिल, सरसों, सप्तधान्य, कम्बल, नीला वस्त्र, गोमेद आदि का दान रात्रि समय करना चाहिए।

Rahu
Ketu

केतु : – केतु कि अशुभता से बचने के लिए लोहा, तिल, तेल, दो रंगे या चितकबरे कम्बल या अन्य वस्त्र, सप्तधान, शस्त्र, लहसुनिया व स्वर्ण का दान निशा काल में करना चाहिए।

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Grahon Ke liye Daan

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