अमावस्या के अचूक उपाय, amavasya ke achuk upay,
ज्योतिष शास्त्र / तन्त्र शास्त्र के अनुसार अमावस्या, amavasya, अमावस, amavas, की तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण होती है । अमावस्या के उपाय, amavasya ke upay, बहुत प्रभावशाली और शीघ्र फलदायी होते है।
चाहे कैसी भी चिंता, संकट, हो कोई भी मनोकामना हो अमावस्या के दिन उसका उपाय करने से उस कार्य में मनवान्छित लाभ मिलता है ।
अमावस्या के उपाय amavasya ke achuk upay, बिलकुल चुपचाप और पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से करने चाहिए ।
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अमावस्या के अचूक उपाय, amavasya ke achuk upay,
अमावस्या, Amavasya, के दिन एक सूखा नारियल (गरी गोला) लेकर उसमे एक छेद करके उसे बूरा चीनी ( महीन चीनी ) से भर दें, फिर उसे किसी निर्जन स्थान पर पेड़ के नीचे जहाँ पर चीटियाँ हो वहां पर गाढ दे ।
यह ध्यान रखे की नारियल का खुला हिस्सा धरती के उपर ही रहें, इसके बाद वापिस मुड कर न देखें।
यह बहुत ही अमोघ उपाय है, इस उपाय से विपत्तियाँ दूर रहती है, सुख – समृद्धि , हर्ष एवं यश की प्राप्ति होती है।
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अमावस्या के दिन न्याय के देवता शनिदेव की आराधना अवश्य करनी चाहिए।
* शनिदेव को परमपिता परमात्मा के जगदाधार स्वरूप कच्छप का ग्रहावतार और कूर्मावतार भी कहा गया है।
* वह महर्षि कश्यप के पुत्र सूर्यदेव की संतान हैं।
* उनकी माता का नाम छाया है।
* शनिदेव के भाई मनु सावर्णि, यमराज, अश्वनी कुमार और
* शनिदेव की बहन का नाम यमुना और भद्रा है।
* ब्रह्मपुराण के अनुसार, पिता सूर्य ने शनि देव का विवाह चित्ररथ की कन्या से कराया जो अत्यंत तेजस्विनी थीं।
* शनिदेव के गुरु शिवजी हैं और
* शनिदेव के मित्र हैं काल भैरव, हनुमान जी, बुध और राहु।
ब्रह्मपुराण के अनुसार, पिता सूर्य ने शनि देव का विवाह चित्ररथ की कन्या से कराया जो अत्यंत तेजस्विनी थीं, लेकिन उन्होंने क्रोध में शनि देव को शाप दे दिया कि शनि देव जिसको भी देखेंगे उसके जीवन की सभी खुशियां चली जाएगी।
शनि देव के प्रकोप से बचने उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनकी पत्नी के 8 नामो ध्वजीनि, धामिनी, कंकाली, कलह प्रिया, कंटकी, तरंगी, महिषि, अजा का अवश्य स्मरण करना चाहिए।
अमावस्या के दिन खीर बनाकर उसे दो दोने या पत्तल पर निकाल लें । फिर एक जगह खीर शिवलिंग पर चढ़ाएं, फिर दूसरे खीर के दोने को पीपल के पेड़ के नीचे रखकर पीपल पर हाथ जोड़कर वापस आ जाएँ।
इससे भगवान शिव प्रसन्न होते है , पितरो का भी आशीर्वाद मिलता है।
अमावस्या के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए सांय काल घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। उसमें बत्ती में रूई की जगह लाल रंग के धागे का उपयोग करें।
उस दीये में थोड़ी-सी केसर भी अवश्य ही डाल दें। इससे माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
अमावस्या ( amavasya ) के दिन काले कुत्ते को कड़वा तेल लगाकर रोटी खिलाएं। इससे ना केवल दुश्मन शांत होते है वरन आकस्मिक विपदाओं से भी रक्षा होती है ।
अमावस्या ( amavasya ) के दिन अपने घर के दरवाजे के ऊपर काले घोड़े की नाल को स्थापित करें। ध्यान रहे कि उसका मुंह ऊपर की ओर खुला रखें।
लेकिन दुकान या अपने आफिस के द्वार पर लगाना हो तो उसका खुला मुंह नीचे की ओर रखें। इससे नज़र नहीं लगती है और घर में स्थाई सुख समृद्धि का निवास होता है ।
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अमावस्या ( amavasya ) की तिथि को कोई भी नया कार्य, यात्रा, क्रय-विक्रय तथा समस्त शुभ कर्मों को निषेध कहा गया है, इसलिए इस दिन इन कार्यों को नहीं करना चाहिए ।
अमावस्या ( amavasya ) के दिन क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, माँस, मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक सम्बन्ध, मैथुन कार्य आदि का निषेध बताया गया है, जीवन में स्थाई सफलता हेतु इस दिन इन सभी कार्यों से दूर रहना चाहिए ।
अमावस्या के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने से भगवान शनि देव की कृपा मिलती है। शनि अमावस्या के दिन सांयकाल शमी के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे शनि दोष दूर होते है।
कुंडली के ग्रहो के दुष्प्रभाव को दूर करने, शनि देव को प्रसन्न करने के एक आसान लेकिन बहुत ही अचूक उपाय करें ।
अमावस्या के दिन एक सरसों के तेल की बंद बोतल शनि देव को अर्पित करके उनसे अपनी जाने अनजाने में की गई भूलो, गलतियों के लिए क्षमा मांगे । इस उपाय की किसी से भी कोई चर्चा ना करें ।
अमावस्या / शनि अमावस्या के दिन सांयकाल पीपल के पेड़ पर सात प्रकार के अनाज चढ़ाकर वहां पर सरसों के तेल का दीपक जलांए, इससे भाग्य में आ रही रुकावटें दूर होती है।
वैसे तो सभी अमावस्या (amavasya) का महत्व है लेकिन सोमवार एवं शनिवार को पड़ने वाली अमावास्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। इसके अतिरिक्त मौनी अमावस्या और सर्वपितृ दोष अमावस्या अति महत्वपूर्ण मानी गयी है।
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Published By : Memory Museum
Updated On : 2023-1-18 09:36:55 PM
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