Sunday, November 16, 2025
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कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, kalash sthapna ka shubh muhurat 2025

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 2025, kalash sthapna ka shubh muhurat,

नवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है यह प्रत्येक वर्ष दो बार एक बार चैत्र माह में और दूसरे बार अश्विन माह में आते है।

इसके अतिरिक्त माघ माह और आषाढ़ माह में भी नवरात्री आते है जिन्हे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

इस वर्ष 2025 में शरद नवरात्र सोमवार 22 सितंबर से शुरू होकर बुधवार 1 अक्टूबर महानवमी तक रहेंगे, 2 अक्तूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा ।

नवरात्रि के प्रथम दिन भक्त गण अपने अपने घरो में कलश को स्थापित करके देवी दुर्गा का आह्वाहन करते हैं। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, kalash sthapna ka shubh muhurat, का बहुत ही महत्त्व है ।

मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना, shubh muhurat men kalash ssthapna करने से जीवन के सभी संकट दूर होते है, भक्तो पर माँ की असीम कृपा बनी रहती है ।

हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नौ दिनों तक शरद नवरात्री में माँ दुर्गा की आराधना की जाती है।

ब्रह्मा जी ने देवी दुर्गा को प्रसन्न करने की सर्वोत्तम विधि कन्या पूजन को ही है बताया, इस तरह से करें कन्या पूजन भाग्य हीरे की तरह लगेगा चमकने

शरद नवरात्री 2025

नवरात्रि प्रारंभ – सोमवार 22 सितंबर 2025 से ,,

नवरात्री समाप्त – बुधवार 1 अक्टूबर 2025 तक ,

विजयदशमी का पर्व-

विजय दशमी – गुरुवार 2 अक्तूबर 2025


नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि पर देवी दुर्गा नौ दिनों तक पृथ्वी पर वास करती हैं, और अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

नवरात्री के यह 9 दिन जिसे दुर्गा पूजा (Durga Puja) के नाम से भी जाना जाता है अति सिद्ध, शक्तिशाली, पुण्यदायक माने जाते है ।

अवश्य पढ़ें :-  अमावस्या पर ऐसे करें अपने पितरो को प्रसन्न, जीवन से सभी अस्थिरताएँ होंगी दूर,  

शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री राम ने भी लंका पति रावण से युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए लंका पर चढ़ाई करने से पहले इन्ही दिनों में देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए माँ की आराधना की थी।

नवरात्रि के पहले दिन माता के भक्त अपने अपने घरो, अपने कारोबार में कलश की स्थापना करते है। शास्त्रों के अनुसार कलश को सदैव शुभ मुहूर्त में ही स्थापित करना चाहिए । प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ ही नौ दिनों तक चलने वाला नवरात्रि का पर्व आरंभ हो जाता है।

जानिए इस वर्ष कलश की स्थापना किस मुहूर्त में करनी चाहिए ।

नवरात्री में घर, कारोबार में इस विधि से करें कलश की स्थापना, अवश्य जानिए कलश स्थापना की सही और बहुत ही आसान विधि

नवरात्री में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, Navratri me kalash sthapna ka shubh muhurat,

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – सोमवार 22 सितंबर को तड़के 1.25 AM से

प्रतिपदा तिथि समाप्त – मंगलवार 23 सितंबर तड़के 02.57 AM तक

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त का समय .

शरद नवरात्री में घटस्थापना के लिए शुभ समय

नवरात्रि में कलश स्थापना का सोमवार को प्रात: 06.09 मिनट से लेकर प्रात: 07.29 मिनट तक घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा ।

आप प्रात: 9 बजे से दोपहर 10.30 तक भी शुभ की चौघड़ियों में कलश की स्थापना कर सकते है ।

इसके अतिरिक्त 11.41 से 12.29 तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश की स्थापना करना शुभ रहेगा I

दोपहर 1.32 से सांय 4.45 तक भी कलश की स्थापना की जा सकती है 1

सोमवार को राहू काल सुबह 07:30 PM से 9:00 PM बजे तक रहेगा, राहु काल में कलश स्थापना का कार्य नहीं करना चाहिए।

कुल मिलाकर सुबह 06.09 मिनट के बाद से लगभग 12.20 तक के समय में राह काल का समय 👹 प्रात: 07.30 से प्रात : 9.02 ❌ को छोड़कर कभी भी कलश की स्थापना 🌟 कर सकते है I

नवरात्रि के पर्व में माँ दुर्गा की सवारी का विशेष महत्व है। नवरात्रि के प्रथम दिन माँ की सवारी से ज्ञात होता है कि अगली नवरात्री तक का समय कैसा रहेगा ।

शास्त्रों के अनुसार, हर नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं और विदाई के समय में भी माता का वाहन अलग होता है।

इस वर्ष 2025 में शरद नवरात्री सोमवार से शुरू हो रहे हैं, इसलिए माँ दुर्गा जी गज पर अर्थात हाथी पर सवार होकर आएंगी और मनुष्य के कंधे पर प्रस्थान करेंगी । शास्त्रों में देवी की हाथी की पालकी को बहुत शुभ माना गया है ।

माता की हाथी की सवारी सुख समृद्धि, हर्ष उल्लास का प्रतीक है I

नवरात्रि के प्रत्येक दिन का एक रंग माना गया है। मान्यता है कि नवरात्री में दिन के अनुसार इन रंगों का उपयोग करने, उस रंग के कपडे पहनने से सुख सौभाग्य प्राप्त होता है।

प्रतिपदा- पीला रंग,
द्वितीया- हरा रंग,
तृतीया- भूरा रंग,
ग्रे रंग,
चतुर्थी- नारंगी रंग,
पंचमी- सफेद रंग,
षष्टी- लाल रंग,
सप्तमी- नीला रंग,
अष्टमी- गुलाबी रंग,
नवमी- बैंगनी रंग,

नवरात्री में करनी है कलश की स्थापना, रखने है ब्रत, करना है माता को प्रसन्न तो ऐसे करें नवरात्री की तैयारी,

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Goddess Durga


ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

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