पितरों को मुक्ति दिलाने का उपाय, Pitron ko mukti dilane ka upay,
- हर व्यक्ति पुत्र की कामना करता है, पुत्र से ही वंश चलता है और शास्त्रो के अनुसार पुत्र द्वारा ही पितरो को उद्दार होता है उन्हें मुक्ति मिलती है, मोक्ष प्राप्त होता है । शास्त्रों में पितरों को मुक्ति दिलाने, Pitron ko mukti dilane, उनको स्वर्ग में स्थान दिलाने का, उनको मोक्ष दिलाने का एक बहुत ही अचूक उपाय बताया गया है ।
- वैसे तो वर्ष की सभी एकादशियां बहुत ही खास मानी जाती है। लेकिन इंदिरा एकादशी Indira ekadashi का अलग ही स्थान है।
- हमारे पितृ चाहे किसी भी योनि में हो वह इस बात की कामना करते है कि उनका कोई वंशज उनके निमित अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी Indira Ekadashi का ब्रत रखे। शास्त्रो के अनुसार इस एकादशी का ब्रत करने से पितरो का उद्दार होता है ।
वर्ष 2024 में इंदिरा एकादशी का ब्रत 28 सितंबर शनिवार को है I
- इस एकादशी ekadashi की सबसे खास बात यह है कि यह पितृपक्ष Pitra Paksh में आती है। मान्यता है कि यदि हमारे कोई भी पूर्वज़ अपने किसी भी जाने अनजाने पाप कर्मों के कारण नरक में भी अपने कर्मों का दंड भोग रहे हो या किसी भी नीच योनि में हो तो,
अवश्य पढ़ें :- क्या है सर्दियों के आहार, सर्दियों के स्वास्थवर्धक, अरोग के लिए आहार, Sardiyo ke aahar, - यदि इस एकादशी के ब्रत को विधिपूर्वक करके इसके पुण्य को उनके नाम कर दिया जाये तो उन्हें मोक्ष मिल जाता है और मृत्यु के बाद यह ब्रत करने वाला भी स्वर्ग में स्थान पाता है। इसलिए इस एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाला भी कहा गया है।
- जो जातक इस एकादशी को करता है उसके ना केवल पूर्वज, वह स्वयं वरन आने वाली पीढ़ियाँ भी पुण्य की भागी होती है।
- इस लिए अपने पितरो की कृपा प्राप्ति के लिए, उनको प्रसन्न करने के लिए, स्वयं अपने और अपने परिजनों के कल्याण के लिए सभी बुद्दिमान जातको को यह ब्रत अवश्य ही रहना चाहिए।
- इस ब्रत को घर की स्त्रियाँ या कोई भी रखकर उसका पुण्य पूर्वजो को अर्पित कर सकता है।
इंदिरा एकादशी ब्रत की विधि indira ekadashi vrat ki vidhi
- पुराणों के अनुसार दशमी तिथि को शाम में सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए और रात्रि में भगवान का ध्यान करते हुए सोएं। एकादशी का व्रत रखने वाले को दशमी तिथि की रात्रि से ही अपने मन एवं इन्द्रियों को वश में रखना चाहिए उसे क्रोध, परनिंदा आदि किसी भी दूषित विचारो को अपने मन में नहीं लाना चाहिए।
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- एकदशी ekadashi के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठकर जल में आँवला डालकर स्नान करके भगवान शालिग्राम / विष्णु जी को पंचामृत से स्नान कराकर, पीले चन्दन का तिलक करके, पीले पुष्प, तुलसी को अर्पित करके, मिष्ठान का भोग लगायें एवं लौंग, इलाइची, नारियल एवं चढ़ाते हुए आरती करें । इस व्रत के दिन अन्न ना खाएं है फलाहार करें
- एकादशी ekadashi के दिन रात्रि जागरण करके भगवान का भजन कीर्तन करें। एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को ब्राह्मण भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करें।
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विधिपर्वक इंदिरा एकादशी indira ekadashi का व्रत करने से ब्रती के समस्त पितरों ददिहाल, ननिहाल, ससुराल के पितरो का उद्धार होता है और स्वयं के लिए स्वर्ग लोक का मार्ग आसान होता है।
- इस एकादशी ekadashi को चाँदी, चावल, दही, दूध, चीनी, गुड़, आटा, ताँबा आदि का दान करना श्रेष्ठ माना गया है।
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