Thursday, January 23, 2025
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राहु ग्रह के उपाय | Rahu Grah Ke Upay

राहु ग्रह के उपाय, Rahu Grah Ke Upay

राहु ग्रह Rahu Grah का शुभाशुभ प्रभाव एवं राहु ग्रह के उपाय Rahu Grah Ke Upay ——-

राहु के अशुभ प्रभाव के चलते आपको —

पेट के रोग, दिमागी रोग, पागलपन, खाजखुजली ,भूत -चुडैल का शरीर में प्रवेश, बिना बात के ही झूमना, नशे की आदत लगना,
गलत स्त्रियों या पुरुषों के साथ सम्बन्ध बनाकर विभिन्न प्रकार के रोग लगा लेना,
शराब और शबाब के चक्कर में अपने को बरबाद कर लेना, लगातार टीवी और मनोरंजन के साधनों में अपना मन लगाकर बैठना,घर में कपड़े आदि इधर उधर फैलाना,
कोई भी समान यथा स्थान न रखना , शरीर में आलस्यता का होना नींद का अधिक आना एवं कृत्रिम साधनो से अपने शरीर के राहु यानी वीर्य को झाडते रहना,
शरीर के अन्दर अति कामुकता का होना आदि पाया जाता है।

* कुंडली में राहु की अच्छी स्थि‍ति होने पर जातक हाजिर जवाब और अच्छा सलाहकार होता है। उसे भरपूर मान-सम्मान और पद प्राप्त होता है और वह हर मुसीबत से आसानी से निकल भी जाता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में कोई बड़ी अड़चन नहीं आती और वह हर प्रकार के सुख भोगने वाला होता है।

* यदि आपकी कुंडली में भी राहु ग्रह पीड़ित /कमजोर का होकर स्थित है तो करे निम्नलिखित उपाय और बनाये मजबूत—-

राहु गृह को अनुकूल बनाने के उपाय, Rahu Grah ko anukul banna ke upay

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राहु यंत्र :- ( Rahu Yantr ) राहु के शुभ फलो हेतु राहु के यंत्र को धारण करना चाहिए। इस यंत्र को धारण करने से गुरु ग्रह के अशुभ प्रभाव दूर होते है। जातक को धन, आकस्मिक लाभ, सुख-समृद्धि, पराक्रम और यश की प्राप्ति होती है।
राहु यंत्र को बुधवार के दिन शुभ चौघड़ियों में नीले / भूरे सूती या रेशमी धागे में बांध कर गले या बाँह में धारण करना चाहिए। एवं राहु यंत्र को नित्य या बुधवार के दिन अवश्य ही देखकर पढ़ना चाहिए।

( Rahu ka mantr ) राहु का तांत्रिक मन्त्र :- “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”।।

( Rahu ka mantr ) राहु पौराणिक मन्त्र :- ” ॐ रां राहवे नम:”।।

उपरोक्त दोनों मंत्रो में से किसी भी एक मन्त्र का विधिवत जाप कराने से राहु के अशुभ फल निश्चय ही दूर होते है। राहु मन्त्र का कम से कम 18000 या अधिकतम 72000 जप पूर्णतया फलदाई होता है।

राहु के दान :- ( Rahu ke dan ) यदि कुंडली में राहु अशुभ फल दे रहे हो तो बुधवार के दिन संध्या या रात्रि के समय गेंहू, नीला या भूरा वस्त्र, गोमेद, शीशा, काले तिल, जौ, सरसों का तेल, तिल का तेल, आदि किसी सात्विक ब्राह्मण को पूर्ण श्रद्धा से दक्षिणा सहित दान चाहिए, इससे राहु के अशुभ फल दूर होते है, शुभ फल मिलने लगते है।

राहू ग्रह के औषधि स्नान :- राहू ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए बुधवार के दिन प्रात: जल में कस्तूरी, लोबान आदि डालकर स्नान करने से राहू ग्रह के अनुकूल फल मिलते है।

* घर में किसी भी प्रकार का कबाड़ न रखें।

* छत को साफ रखें और सीढि‍यों पर भी सफाई रखें।

* बहनों का भूलकर भी अपमान न करें। तथा अपने ससुराल वालों का सम्मान करें।

* अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला किसी राहु मंदिर में दिसंबर या जनवरी के महीने में दान करने से राहु पुष्ट होता है।

* इसके अलावा आपको जंग गले लोहे, तेजाब व नीली चीजों से सावधान रहना चाहिए।

* जमादार को शनिवार के दिन तंबाखू का दान करे ,तथा स्वयं इसका सेवन कदापि न करें।

* घर में नित्य शंख बजाएं।

* कुष्ट (कोढ़ी) व्यक्ति की मदद करे उसे दवा आदि का दान करे तथा उसे लगाने के लिए सुगंधित तेल का का दान भी करें।

* पांच मुखी रूद्राक्ष धारण करें। तथा नित्य द्वादश ज्योतिर्लिंगो के नामों का स्मरण करें।

* राहु के बीज मंत्र ॐ ऐं ह्रीं राहवे नमः इस मंत्र का 108. बार नित्य जप करे।

* शनिवार के दिन गाय को हरी दूब खिलावे, व मछलियों को दाना चुगाये (मॉस मछली आदि का सेवन न करें)।

* आफिस के तिजोरी में चांदी की मछली रखे एवं उसको नित्य टिका करे व धूप दीप दिखाये इससे आपके व्यापार में उन्नति होगी।

Published By : Memory Museum

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ज्योतिषाचार्य डॉ० अमित कुमार द्धिवेदी
कुण्डली, हस्त रेखा, वास्तु
एवं प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ

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