शनि अमावस्या के उपाय, shani amavasya ke upay,
30 नवम्बर शनिवार को मार्गशीर्ष माह की अमावस्या, शनि अमावस्या है।
शनि अमावस्या (Shani Amavasya) का ज्योतिष एवं तन्त्र शास्त्र में बहुत महत्व है।
इस दिन शनि अमावस्या के उपाय, shani amavasya ke upay, करने से शनि देव (Shani Dev) प्रसन्न होते है ।
शनिवार की अमावस्या पर पड़ने वाले इस श्रेष्ठ संयोग में किये गए उपायों से ना केवल शनि देव की (Shani Dev) ही कृपा प्राप्त होगी वरन शनि अथवा कुंडली के किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभावों में निश्चय ही कमी आएगी ।
वैसे तो सभी लोगो को शनि अमावस्या के उपाय, Shani Amavasya ke upay को उपाय करने चाहिए लेकिन जो लोग शनि की साढ़ेसाती (Shani ki Sade Sati) और ढैय्या से पीड़ित हैं उन्हें तो शनिश्चरी अमावस्या पर विशेष उपाय अवश्य ही करने चाहिए।
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शनि अमावस्या के उपाय, shani amavasya ke upay,
पवित्र नदी के जल से या नदी में स्नान कर शनि देव का आवाहन और उनके दर्शन करे ।
श्री शनिदेव का आह्वान करने के लिए हाथ में नीले पुष्प, बेल पत्र, अक्षत व जल लेकर इस मंत्र अदभुद वैदिक मंत्र का जाप करते हुए प्रार्थना करें-
“ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायार्मात्ताण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्”।।
ह्रीं बीजमय, नीलांजन सदृश आभा वाले, रविपुत्र, यम के अग्रज, छाया मार्तण्ड स्वरूप उन शनि को मैं प्रणाम करता हूं और मैं आपका आह्वान करता हूँ॥
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अमावस्या के दिन सांयकाल एक कटोरी में चावल भरकर उसके ऊपर एक कपूर का टुकड़ा रखकर उस कपूर को अपने घर के बाहर उसी कटोरी में जला दें I
और मन ही मन ईश्वर से अपनी मनोकामना कहें I
कपूर जलने के बाद चावल को पास में किसी भी पेड़ के नीचे पक्षियों के खाने के लिए डाल दें I
इस उपाय को करने से जीवन से विघ्न बाधाएं दूर होती है, अकस्मात आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है I
शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन प्रात: जल में चीनी एवं काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करके सात परिक्रमा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे अनुकूल मंत्र है —
“ॐ शं शनैश्चराय नम:।”
इस मंत्र की एक माला का जाप अवश्य करें
इस दिन आप श्री शनि देव के दर्शन जरूर करें।
शनिदेव की दशा में अनुकूल फल प्राप्ति कराने वाला मंत्र –
ॐ प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नम:
शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ पर सप्तधान / सात प्रकार का अनाज चढ़ाएं और सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं, इससे कुंडली के ग्रहो के अशुभ फलो में कमी आती है। जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है ।
शनि अमावस्या के दिन बरगद के पेड की जड में गाय का कच्चा दूध चढाकर उस मिट्टी से तिलक करें। अवश्य धन प्राप्ति होगी।
उड़द की दाल की काला नमक डाल कर खिचड़ी बनाकर संध्या के समय शनि मंदिर (Shani Mandir) में जाकर भगवान शनि देव का भोग लगाएं फिर इसे प्रसाद के रूप में बाँट दें और स्वयं भी प्रसाद के रूप में ग्रहण करें ।
शनिवार के दिन काले उड़द की दाल की खिचड़ी काला नमक डाल कर खाएं इससे भी शनि दोष (Shani Dosh)के कारण होने वाले कष्टों में कमी आती है।
इस दिन मनुष्य को सरसों का तेल, उडद, काला तिल, देसी चना, कुलथी, गुड शनियंत्र और शनि संबंधी समस्त पूजन सामग्री अपने ऊपर वार कर शनिदेव के चरणों में चढाकर शनिदेव का तैलाभिषेक करना चाहिए।
शनिश्चरी अमावस्या को सुबह या शाम शनि चालीसा का पाठ या हनुमान चालीसा (Hanumaan Chalisa), बजरंग बाण का पाठ करें।
तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें और पक्षियों को खिलाएं .
उड़द दाल की खिचड़ी दरिद्रनारायण को दान करें।
अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें। इससे आर्थिक संकट दूर होते हैं नौकरी, व्यापार में धनलाभ, सफलता की प्राप्ति होती है ।
शनि अमावस्या के दिन गरीबों, मजदूरों में 5 / 7 या 11 काले गुलाब जामुन बड़े प्रेम से बाँटे और मन ही मन शनि देव से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगते हुए अपनी मनोकामना कहें I इसके बाद से ऐसा लगातार 7 शनिवार तक करें I यह बहुत ही अचूक उपाय है I
अमावस्या के दिन गरीबों, मजदूरों में 5 / 7 या 11 काले गुलाब जामुन बड़े प्रेम से बाँटे और मन ही मन शनि देव से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगते हुए अपनी मनोकामना कहें I
इसके बाद से ऐसा लगातार 7 शनिवार तक करें I यह बहुत ही अचूक उपाय है I
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शनि अमावस्या के दिन संपूर्ण श्रद्धा भाव से पवित्र करके घोडे की नाल या नाव की पेंदी की कील का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें।
शनि अमावस्या के दिन 108 बेलपत्र की माला भगवान शिव के शिवलिंग पर चढाए। साथ ही अपने गले में गौरी शंकर रुद्राक्ष 7 दानें लाल धागें में धारण करें।
जिनके ऊपर शनि की अशुभ दशा हो ऐसे जातक को मांस , मदिरा, बीडी- सिगरेट नशीला पदार्थ आदि का सेवन न करे ।
कुंडली के ग्रहो के दुष्प्रभाव को दूर करने, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए एक आसान लेकिन बहुत ही अचूक उपाय करें ।
शनि अमावस्या के दिन एक सरसों के तेल की बंद बोतल शनि देव को अर्पित करके उनसे अपनी जाने अनजाने में की गई भूलो, गलतियों के लिए क्षमा मांगे । इस उपाय की किसी से भी कोई चर्चा ना करें ।
शनि अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर में हनुमान जी को पीला या लाल सिंदूर अवश्य चढ़ाएं। इससे हनुमान जी प्रसन्न होते है, शनि की साढ़े साती, ढैय्या का प्रभाव दूर होता है।
शनि अमावस्या के दिन जहाँ भी कोई सफाई कर्मचारी दिखे उसे कुछ ना कुछ दान अवश्य ही दें, ऐसा करने से शनि देव के साथ साथ राहु के भी शुभ फल मिलते है । इसके बाद ऐसा लगातार 11 शनिवार तक अवश्य ही करें ।
अकस्मात धन लाभ के योग बनते है, कोई बहुत समय से रुका हुआ कार्य पूर्ण होने की सम्भावना बनती है ।
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