बुध ग्रह के उपाय, budh grah ke upay,
- बुध ग्रह Budh Grah हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा और बुध के सबसे निकट में स्थित ग्रह है।
- बुध budh चंद्रमा के पुत्र हैं, बुध देव की माता का नाम तारा है।
- वैवस्वत मनु की पुत्री ‘इला’ बुध की पत्नी है।
- सभी ग्रहों में बुध ग्रह Budh Grah को राजकुमार की उपाधि दी गई है।
- बुध ग्रह Budh Grah भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- बुध सूर्य और शुक्र के मित्र है, चंद्रमा से इनकी शत्रुता रहती है और अन्य ग्रहों के प्रति तटस्थ रहते है।
- बुध देव अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती इन तीन नक्षत्रों के स्वामी है। हरे रंग की वस्तुओं, पीतल और पन्ना रत्न बुद्ध को बहुत प्रिय हैं। बुध देव की दिशा उत्तर है, इनका मौसम शरद ऋतु और बुध का तत्व पृथ्वी है।
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- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुद्ध एक शुभ ग्रह है। बुध को व्यापार के देवता कहा गया है इन्हे व्यापारियों का रक्षक माना जाता है।
बुध राशि के जातक बहुत सुंदर, ऊंचे कद के होते हैं, उनकी भाषा बहुत ही मधुर होती है।
धन, वैभव और सुख – समृद्धि का कारक बुध ग्रह ही को कहा जाता है। बुध को वाणी, बुद्धि, त्वचा और मस्तिषक की तंत्रिका तंत्र का कारक भी कहा गया है। बुध ग्रह Budh Grah व्यक्ति को ज्ञान, वाकपटुता, की क्षमता प्रदान करता है।
- बुध ग्रह Budh Grah व्यक्ति के दांतों, गर्दन, त्वचा व कंधे पर अपना प्रभाव डालता है। बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च एवं मीन राशि में नीच का होता है।
- बुध ग्रह की दिशा Budh Grah Ke Disha उत्तर है जो कुबेर देव की दिशा भी कही गयी है । बुध की कृपा से व्यक्ति हर मुश्किल परिस्थिति में सामंजस्य बना लेता है।
बुध गृह के अशुभ प्रभाव
- ध्यान रखे यदि आप पर बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है तो आपको व्यापार, दलाली, नौकरी आदि कार्यों में नुकसान उठाना पड़ेगा।
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- आपकी सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाएगी। समय पूर्व ही दांत खराब हो जाएंगे।
- आपके मित्रों से संबंध बिगड़ जाएंगे।
- संभोग की शक्ति क्षीण हो जाएगी। बहन, बुआ और मौसी किसी विपत्ति में है।
- बहन, बुआ और मौसी किसी विपत्ति में है। तो भी आपका बुध ग्रह अशुभ प्रभाव वाला माना जाएगा।
- इसके अलावा यदि आप तुतले बोलते हैं तो भी बुध ग्रह अशुभ माना जाएगा। व्यक्ति खुद ही अपने हाथों से बुध ग्रह को खराब कर लेता है, जैसे यदि आपने अपनी बहन, बुआ और मौसी से संबंध बिगाड़ लिए हैं तो बुध ग्रह विपरीत प्रभाव देने लगेगा।
- कुंडली में यदि बुध ग्रह केतु और बुध के साथ बैठा है तो यह मंदा फल देना शुरू कर देता है। शत्रु ग्रहों से ग्रसित बुध का फल मंदा ही रहता है। ऐसे में यह उपरोक्त सभी तरह के संकट खड़े कर देता है तथा बुध खराब होने से व्यापारियों का दिया या लिया धन अटकने लगता है।
आठवें भाव में बुध ग्रह बुध और चंद्र के साथ बैठा है तो पागलखाना, जेलखाना या दवाखाना किसी भी एक की यात्रा करा देता है। हालांकि बुध ग्रह को अच्छे प्रभाव देने वाला भी बनाया जा सकता है।
बुध गृह के शुभ प्रभाव
- बुध ग्रह जब शुभ फल प्रदान करता है तो जातक कम मेहनत करके भी अधिक कमाई करता है।
- जातक की बहन, बुआ और बेटी का जीवन सुखमय रहता है और आपसी प्रेम बना रहता है।
- इस प्रकार का जातक बुद्धिमान होता है और बुद्धि के बल पर व्यापार में उन्नति करता है।
- पढ़ाई-लिखाई के मामले में भी जातक अच्छा होता है।
- इसके अतिरिक्त यदि बुध ग्रह शुभ प्रभाव दे रहा है तो वह आपमें बोलने की क्षमता का विकास करेगा। आपको ज्ञानी और चतुर बनाएगा।
- आपकी देह सुंदर और सोच स्पष्ट होगी। आपकी बातों का लोगो पर असर होगा। ऐसे में आपकी सूंघने की शक्ति गजब की होती है।
- व्यापार और नौकरी में किसी भी प्रकार की अड़चन नहीं आएगी और आप उन्नति करते जाएंगे।
- ध्यान रखे ईमानदारी और सच्चाई छोड़ देने से बुध ग्रह अपना शुभ प्रभाव छोड़ देता है।
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बुध गृह को अनुकूल बनाने के उपाय
- यदि आपकी कुंडली में भी बुध ग्रह पीड़ित /कमजोर का होकर स्थित है तो करे निम्नलिखित उपाय और बनाये मजबूत—-
बुध यंत्र :– बुध देव के शुभ फलो हेतु बुध यंत्र को धारण करना चाहिए। इस यंत्र के प्रभाव से बुध देव के अशुभ प्रभाव दूर होते है। जीवन में विद्या, गायन, विवेक, बुद्धि, वाक पटुता की प्राप्ति होती है।
जातक को जीवन में धन की कोई कमी नहीं होती है। उसके मित्रो में वृद्धि होती रहती है, जनता का सहयोग मिलता है। जातक को अपनी योजनाओं में श्रेष्ठ सफलता मिलती है।
इस यंत्र को बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में ताम्बे के ताबीज में भरकर हरे सूती या हरे रेशमी धागे में बांध कर गले या बाँह में धारण करना चाहिए। एवं इस बुध यंत्र को नित्य देखकर पढ़ना चाहिए।
बुध ग्रह के औषधि स्नान :- बुध ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए बुधवार के दिन प्रात: जल में अक्षत, गोरोचन,शहद, जायफल, पिपरमूल, डालकर स्नान करने से बुध ग्रह के अनुकूल फल मिलते है।
बुध ग्रह का तांत्रिक मन्त्र :- “ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:” ।।
बुध ग्रह का पौराणिक मन्त्र :- “ऊँ बुध बुधाय नम:” ।।
उपरोक्त दोनों मंत्रो में से किसी भी एक मन्त्र का विधिवत जाप कराने से बुध ग्रह के अशुभ फल निश्चय ही दूर होते है। बुध ग्रह के मन्त्र की कम से कम 9000, एवं अधिकतम 36000, जप पूर्णतया फलदाई होता है।
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बुध ग्रह के दान :– यदि कुंडली में बुध ग्रह अशुभ फल दे रहे हो तो बुधवार के दिन प्रात: पन्ना, काँसा, हरा वस्त्र, हरे साबुत मूँग, घी, हरी सब्जी, हरी वस्तुओं आदि का किसी सात्विक ब्राह्मण को पूर्ण श्रद्धा से दक्षिणा सहित दान चाहिए।
इससे बुध ग्रह के अशुभ फल दूर होते है, शुभ फल मिलने लगते है।
- बहन, बुआ और बेटी एवं साली का सम्मान करना सही होता है और इन्हें घर से कुछ न कुछ देकर ही विदा करें।
- घर में गाने बजाने का सामान न रखें, जैसे ढोलक आदि।
- भगवान की मूर्ति रखने के बजाए उनकी तस्वीर की पूजा करें और पक्षियों को पालें।
- मांस और अंडे से दूरी बनाए रखें तथा आपको मां दुर्गा की भक्ति करना चाहिए।
- छोटी कन्याओं का पूजन करना बुध को मजबूत करता है।
- फिटकरी से दांत साफ करने से बुध का खराब प्रभाव कम होता है।
- गायों को नियमित रूप से पालक खिलाने से रुका हुआ धन फिर से मिलने लगता है।
- छत पर जमा कचरा भी ऋण को बढ़ाता है। इसे हटाने से ऋण कम और व्यापार सुचारू चलता है।
- बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिए।
- झूठ बोलते रहने से बुध अपना बुरा असर जारी रखता है इसलिए सच बोलने का अभ्यास करें।
- हरी वस्तुओं एवं हरे कपड़े का दान करे एवं बुधवार के दिन विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करे।
Published By : Memory Museum
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