Saturday, November 23, 2024
HomeAmavasyaपितरों को प्रसन्न कैसे करें, Pitro ko prasan kaise kare

पितरों को प्रसन्न कैसे करें, Pitro ko prasan kaise kare

पितरों को प्रसन्न कैसे करें, Pitro ko prasan kaise kare,

पितृ दोष निवारण Pitradosh Nivaran के लिये यदि कोई व्यक्ति अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल में दूध, गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल मिलाकर सींचते हुए पुष्प, जनेऊ अर्पित करते हुये “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुये 7 बार परिक्रमा करे ।

तत्पश्चात् ॐ पितृभ्यः नमः मंत्र का जप करते हुए अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष Pitradosh से उत्पन्न समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता है। , पितर प्रसन्न होते है एवं उनका पूर्ण आशीर्वाद भी प्राप्त होता है ।
और अगर सोमवती अमावस्या हो तो पीपल की 108 बार परिक्रमा करने से विशेष लाभ मिलता है ।

अवश्य पढ़ें :-  आँखों की रौशनी बढ़ाने, आँखों से चश्मा उतारने के लिए अवश्य करें ये उपाय

शास्त्रो के अनुसार प्रत्येक अमावस्या को पित्तर अपने घर पर आते है अतः इस दिन हर व्यक्ति को यथाशक्ति उनके नाम से दान करना चाहिए।
इस दिन बबूल के पेड़ पर संध्या के समय पितरों के निमित्त भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते है।

पितरों को खीर बहुत पसंद होती है इसलिए प्रत्येक माह की अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन के साथ खिलाने पर महान पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है। इस दिन संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए ।

प्रत्येक अमावस्या को गाय को पांच फल भी नियमपूर्वक खिलाने चाहिए, इससे घर में शुभता एवं हर्ष का वातावरण बना रहता है । और पितरो का पूर्ण आशीर्वाद भी प्राप्त होता है ।

अवश्य पढ़ें :- जानिए कैसा हो खिड़कियों का वास्तु , जिससे जिससे वहाँ के निवासियों को मिले श्रेष्ठ लाभ


दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो , आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।

Pandit Ji
Pandit Jihttps://www.memorymuseum.net
MemoryMuseum is one of the oldest and trusted sources to get devotional information in India. You can also find various tools to stay connected with Indian culture and traditions like Ram Shalaka, Panchang, Swapnphal, and Ayurveda.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Translate »